नई दिल्ली : मौसम में अचानक आए बदलाव के कारण अस्पतालों में डेंगू, मलेरिया के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। यूंतो डेंगू बुखार 7 से लेकर 10 दिनों तक रहता है। कई बार यह अपने आप भी ठीक हो जाता है, लेकिन डेंगू हेमरेजिक फीवर थोड़ा खतरनाक होता है और इसमें खून के प्लेटलेट्स और डब्ल्यूबीसी की संख्या कम होने लगती है।
ऐसी स्थिति में दवा के साथ ही अगर आयुर्वेदिक इलाज किया जाए तो मरीज जल्दी ठीक हो सकता है। हम आपको बता रहे हैं उस सब्जी के बारे में जो डेंगू, मलेरिया के मरीजों के लिए रामबाण का काम कर सकता है. उस सब्जी का नाम है कद्दू। आमतौर पर लोग कद्दू की सब्जी ही खाते हैं,
मगर सब्जी से ज्यादा फायदेमंद इसका जूस होता है। डेंगू-मलेरिया ही नहीं बल्कि किसी भी बीमारी में सबसे पहले शरीर की इम्यूनिटी बेहतर करनी जरूरी है ताकि शरीर रोग से लड़ने लायक हो जाए और कद्दू का जूस शरीर को अंदर से मजबूत बना देता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी बढ़ जाती है। हालांकि इम्यूनिटी एक-दो दिन में नहीं बढ़ती। इसके लिए लंबे समय तक रुटीन का ध्यान रखना पड़ता है।
कद्दू का रस इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग करने के साथ ही दिल को मजबूत बनाता है। दिल से संबंधित बीमारियां जैसे हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक आदि में कद्दू का रस बेहद लाभदायक होता है। साथ ही इसमें धमनियों को साफ करने के गुण होते हैं। इसमें उपस्थित ऐंटिऑक्सिडेंट धमनियों की दीवारों को सख्त होने से रोकता है। कद्दू का रस पाचन शाक्ति बढ़ाता है, जिससे शरीर स्वस्थ रहता है।
दस्त और कब्ज दोनों ही समस्या में इसका सेवन बहुत मददगार होता है। इसके अलावा कद्दू का रस पीने से शरीर की गंदगी और विषैले पदार्थ यूरीन के माध्यम से बाहर निकाल जाते हैं। इसके रोगनाशक गुण अल्सर और ऐसिडिटी के इलाज में बहुत सहायक होते हैं।
कद्दू के जूस के अलावा बकरी का दूध, पपीते की पत्तियां और गिलोय का रस भी खून में कम हो रहे प्लेटलेट्स की संख्या को फिर से नॉर्मल करने में मदद करता है। दरअसल, बकरी का दूध सुपाच्य होता है। आयुर्वेद में बताया गया है कि बकरी का दूध डेंगू के बुखार से निकलने में कारगर होता है।
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