नई दिल्ली। आम लोगों की सुरक्षा व कानून-व्यवस्था के लिए दिल्ली पुलिस ने तकनीक व सूचना प्रोद्योगिकी का जमकर इस्तेमाल किया। यह स्मार्ट फोन की बढ़ती लोकप्रियता व इंटरनेट डेटा की घटती कीमतों का ही असर है कि आम लोगों ने भी दिल्ली पुलिस द्वारा जारी किए गए मोबाइल एप आदि का खूब इस्तेमाल किया। पुलिस ने ऐसे कई एप लांच किए, जिनसे लोगों को पेपरलेस सेवा मिल रही है। आइए जानते है दिल्ली पुलिस के इन हाईटेक एप के बारे में।
प्रॉपर्टी थेफ्ट एप
कोई भी संपत्ति चोरी होने पर घर बैठे एफआइआर दर्ज करवाने के लिए पुलिस ने प्रॉपर्टी थेफ्ट एप जारी किया। इस एप के माध्यम से संपत्ति चोरी का मामला दर्ज होते ही डिजिटल हस्ताक्षर युक्त एफआइआर की कॉपी पीड़ित के अलावा संबंधित कोर्ट, एसएचओ और पुलिस के आला अधिकारियों तक पहुंच जाती है। वर्ष 2017 में इस एप पर कुल 99,770 मामले दर्ज किए गए। इस एप को फरवरी 2016 में लांच किया गया था। तब से अब तक कुल एक लाख 70 हजार 327 ई-एफआइआर दर्ज की जा चुकी है।
वाहन चोरी की एफआइआर के लिए एप
ई-एमवी थेफ्ट अप्रैल 2015 में लांच किया गया था। तब से अब तक इस पर वाहन चोरी के एक लाख मामले दर्ज कि ए जा चुके हैं। वर्ष 2017 में 36,964 मामले इस एप के माध्यम से दर्ज किए गए। यह एप एड्रॉयड, आइओएस और विंडोज वर्जन पर उपलब्ध है। इसमें मास ई-मेल भेजने की सुविधा है। इससे ऑनलाइन एफआइआर दर्ज होने के साथ ही इसकी कॉपी आवेदक सहित संबंधित क्षेत्र के एसएचओ, कोर्ट, इंश्योरेंस कंपनी, स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी, एनसीआरबी, डीसीपी सहित देश के सभी एसएसपी को भेज दी जाती है। इसका उद्देश्य चोरी की जल्द से जल्द जानकारी मिलने के साथ-साथ त्वरित जांच कर चोरी की गाड़ी देश के किसी भी कोने से बरामद करना है। गाड़ी बरामद नही होने पर पीडि़त को इसकी भी रिपोर्ट एफआइआर के 21 दिनों बाद मेल पर भेज दी जाती है। इससे उन्हें बीमा क्लेम लेने में आसानी होती है।
महिला सुरक्षा के लिए हिम्मत एप
दिल्ली पुलिस ने महिला सुरक्षा के लिए एंड्रॉयड और आइओएस वर्जन में हिम्मत एप लांच किया। इसमें ऐसे फीचर दिए गए हैं, जिसकी सहायता से महिलाएं मुसीबत के वक्त पुलिस को तुरंत बुला सकती हैं। वर्ष 2017 के दौरान 23,310 लोगों ने इसे डाउनलोड किया है। दिल्ली के अलावा एनसीआर के शहरों के लोगों ने भी यह एप डाउनलोड किया। इस एप का रिस्पांस इतना जबरदस्त रहा कि इसे दिल्ली-एनसीआर के अलावा भी कई शहरो के लोगों ने डाउनलोड किया है। पुलिस ने इसका फीडबैक लेने के लिए फेसबुक पेज भी लांच किया है। इसकी सहायता से पीड़त महिला मुसीबत के वक्त चुपके से पुलिस को बुला सकती है और आरोपी को पता भी नही चल पाता है।
लॉस्ट रिपोर्ट एप
पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, आधार कार्ड आदि जैसे दस्तावेज खो जाने पर एफआइआर दर्ज करवाने के लिए दिल्ली पुलिस ने फरवरी 2014 में लॉस्ट रिपोर्ट एप लांच किया। इस पर इस वर्ष 21 लाख 73 हजार 965 रिपोर्ट दर्ज की गईं। वहीं, अब तक कुल दर्ज केसों की संख्या करीब 55 लाख है।
पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट एप
कॉलेज में एडमिशन, वीजा, पासपोर्ट आदि के लिए आवेदन करने में इस्तेमाल होने वाले पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट बनाने के लिए यह एप लांच किया गया था। इस पर पिछले साल कुल दो लाख 72 हजार 213 लोगों ने आवेदन किया। इस एप में सात दिनों के अंदर ये सर्टिफिकेट बना दिए जाते हैं।
करेक्टर वेरिफिकेशन रिपोर्ट एप
दिल्ली पुलिस ने सरकारी नौकरी आदि के लिए करेक्टर सर्टिफिकेट बनवाने के इच्छुक लोगों का काम आसान करने के लिए यह एप लांच किया था। इसके तहत कोई भी व्यक्ति चरित्र प्रमाणपत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। उसे थाने के चक्कर लगाए बिना ऑनलाइन प्रमाण पत्र मिल जाएगा। पिछले वर्ष इस पर 57567 आवेदन आए, जिनमें से 36964 प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं।
वन टच अवे एप
इस एप के माध्यम से कोई भी व्यक्ति दिल्ली पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारियों के मोबाइल नंबर से लेकर ई-मेल आइडी तक पा सकता है। इसके अलावा ट्रैफिक हेल्पलाइन, पुलिस कंट्रोल रूम आदि की जानकारी मिल जाती है। इसके अलावा पुलिस ने लोगों को साइबर क्राइम से बचाने के लिए ऑनलाइन साइबर सेफ्टी वेबसाइट भी जारी की है। इस पर वरिष्ठ नागरिक के अलावा अन्य लोग भी साइबर क्राइम से बचने के लिए क्या करें, क्या न करें आदि की जानकारी हासिल कर सकते हैं।
News Source :- www.jagran.com
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