दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के घर में आग से नकदी की बड़ी मात्रा की बरामदगी: न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर उठे सवाल

हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना में, दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के सरकारी आवास में आग लग गई, जिसके बाद वहां भारी मात्रा में अवैध नकदी बरामद हुई। यह घटना न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर सवाल उठाती है।

घटना का विवरण:

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के सरकारी बंगले में अचानक आग लग गई। आग बुझाने के दौरान, फायर ब्रिगेड और अन्य अधिकारियों ने वहां भारी मात्रा में नकदी पाई। यह नकदी अवैध रूप से संग्रहीत की गई प्रतीत होती है।

उच्चतम न्यायालय का एक्शन:

इस घटना के बाद, उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया। यह कदम न्यायपालिका की छवि को संरक्षित करने और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

सार्वजनिक प्रतिक्रिया:

इस घटना ने सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर तीव्र प्रतिक्रिया उत्पन्न की है। नागरिक और विभिन्न संगठन न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं, साथ ही इस प्रकार की घटनाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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