फरीदाबाद। एक के बाद एक छह हत्याएं कर हरियाणा के साथ पूरे देश को दहलाने वाले साइको किलर नरेश का पुलिस साइको एनालिसिस (मानसिक परीक्षण) कराएगी। उसके भाइयों और पत्नी से भी उसके बारे में जानकारी लेगी। उधर, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक से घटना की रिपोर्ट तलब की है।
सूत्रों के अनुसार नरेश की पत्नी और बच्चों से भी नहीं बनती थी और वह कई साल से अलग रह रहा था। उसके सेना में रहने की समयावधि का रिकॉर्ड भी खंगाला जाएगा। वहीं, नरेश के सिर पर चोट लगने के बाद उसका ब्रेन हेमरेज हो गया था, जिसके बाद एम्स में ऑपरेशन किया गया।
बता दें कि नए साल के जश्न में डूबा शहर सोमवार की मध्य रात्रि कत्ल-ओ-गारत की लोमहर्षक वारदात से तब कांप उठा, जब मानसिक अवसाद से पीड़ित कृषि विभाग के एक अधिकारी ने एक के बाद एक छह लोगों की हत्या कर दी।
सेना में लेफ्टिनेंट रहे नरेश धनखड़ ने रात दो से चार बजे के बीच लोहे की रॉड से अलग-अलग स्थानों पर दरिंदगी की। पुलिस ने उसे उसकी ससुराल के बाहर तब गिरफ्तार कर लिया, जब वह ससुराल वालों को मारने के प्रयास में था।
हरियाणा में अपनी तरह की यह पहली घटना है। नरेश ने शहर थाना क्षेत्र के करीब 500 मीटर के दायरे में छह लोगों की हत्याएं की। खास यह कि एक ही रॉड से उसने ये हत्याएं कीं। उसने सबसे पहले एक अस्पताल की महिला कर्मचारी की हत्या की।
फिर आगरा रोड व मिनार रोड पर चार अन्य लोगों के सिर पर रॉड से हमला कर मार डाला। आखिर में उसने एक सुरक्षागार्ड की हत्या की। मृतकों में तीन सुरक्षागार्ड हैं। मृतकों में चार पलवल, जबकि एक उप्र के शिकोहाबाद का है। एक मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाई है।
घटना की जानकारी मिलते ही लोग घरों से बाहर निकल आए। करीब सात बजे पलवल के नागरिक अस्पताल में लोगों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया। पुलिस ने नरेश को गिरफ्तार कर फरीदाबाद स्थित बीके अस्पताल में दाखिल कराया। उसके सिर में चोट लगी थी।
सीटी स्कैन में पता चला कि उसके दिमाग की नस फट गई है और रक्त के कई थक्के जमा हैं। उसे नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दाखिल कराया गया जहां उसकी ब्रेन सर्जरी की गई। अभी वह खतरे से बाहर नहीं है। नरेश का ससुराल से झगड़ा चल रहा था। पत्नी और बच्चे पिछले कई साल से उससे अलग रह रहे थे।
पलवल की एसपी सुलोचना गजराज ने बताया कि आरोपी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक ने कहा कि पुलिस के पास कोई तरीका नहीं, जिससे वह जान ले कि किसके मन में क्या चल रहा है। ऐसी घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
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