स्कूल में शिक्षकों को अपमानित होते देख बिलख पड़े बच्चे

दक्षिणी दिल्ली | वसंत कुंज स्थित राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय के बच्चों को पिछले कुछ दिनों से एक झूठ रटाया जा रहा था कि आपके शिक्षकों का ट्रांसफर किया जा रहा है। लेकिन बृहस्पतिवार को जब क्लास में पढ़ा रहे 30 शिक्षकों को बच्चों के सामने ही वहां से निकाला गया तो बच्चों की आंखें भर आई। बच्चे कुछ समझ पाते उससे पहले ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सभी शिक्षकों को गेटआउट और तुरंत स्कूल से बाहर निकल जाइए.. जैसी बातें कहकर नौकरी से निकाल दिया। जिन शिक्षकों से बच्चों ने झूठ-सच, अच्छा-बुरा और अपमान-सम्मान में भेद सीखा थे, उन्हें इस तरह अपमानित होते देख वे बिलख उठे। छुट्टी होने के बाद बच्चे स्कूल के बाहर शिक्षकों के गले लगकर फूट-फूटकर रोए। इसके साथ ही नौ नॉन-टीचिंग स्टाफ को भी नौकरी से निकाल दिया गया।

वसंत कुंज स्थित कथूरिया पब्लिक स्कूल का जमीन विवाद पर डीडीए से मुकदमा चल रहा था। नतीजा डीडीए के पक्ष में आने पर दिल्ली सरकार ने 19 फरवरी, 2016 को स्कूल को टेकओवर कर लिया व इसका नाम राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय कर दिया गया। तब 30 शिक्षकों व नौ नॉन टीचिंग स्टाफ को आश्वासन दिया गया था कि उनकी नौकरी जारी रहेगी। अचानक ही पिछले साल 30 अक्टूबर को सभी को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया और फिर बृहस्पतिवार को इन लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया। इसमें किसी को आयु प्रमाणपत्र, किसी को मैनेजिंग कमेटी का नियुक्ति पत्र, कन्फर्मेशन लेटर, सर्विस बुक, पर्सनल फाइल आदि पेश न कर पाने जैसे कारण बताए गए हैं।

परीक्षा के समय बदल गए शिक्षक

10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा सामने खड़ी है और ऐसे में शिक्षकों के बदल जाने से भी बच्चे परेशान हैं। ऐन मौके पर नए शिक्षक आएंगे तो बच्चों को उनसे पढ़ने में भी असुविधा होगी। बच्चों को डर है कि इससे उनका परीक्षा परिणाम भी बिगड़ सकता है। वहीं, शिक्षकों ने बताया कि बृहस्पतिवार को वे सभी कक्षाओं में पढ़ा रहे थे तभी वहां उपनिदेशक शिक्षा कार्यालय दक्षिणी-पश्चिमी-ए के पांच-छह अधिकारी पहुंचे और शिक्षकों को क्लास से बाहर निकालने लगे। बच्चों के सामने ही उन्हें नौकरी से निकाले जाने की बात कहकर अपमानित भी किया गया। इस बारे में जब स्कूल के प्रधानाचार्य प्रवीण कुमार कालरा ने कहा कि जो कुछ भी हुआ इस बारे में वह कुछ भी कहने के लिए अधिकृत नहीं हैं। उन्होंने कार्रवाई करने स्कूल पहुंचे अधिकारियों के विषय में भी नहीं बताया। वहीं, दिल्ली सरकार की शिक्षा निदेशक सौम्या गुप्ता को कॉल किया गया पर उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

420 बच्चों पर सिर्फ तीन शिक्षक

शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट के अनुसार, इस विद्यालय में कुल 420 छात्र-छात्राएं और तीन शिक्षक हैं। बृहस्पतिवार को इनमें से 382 बच्चों की उपस्थिति दिखाई गई है। जबकि इसी दिन स्कूल में कुल दो शिक्षकों को उपस्थित दर्शाया गया है। स्कूल से निकाले गए शिक्षकों का कहना है कि 382 बच्चों को दो शिक्षकों ने क्या और कैसे पढ़ाया होगा, शिक्षा निदेशालय को यह भी जवाब देना चाहिए।

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