राजस्थान के उदयपुर में भारत की अध्यक्षता में जी 20 प्रेसीडेंसी की बैठक में चर्चाओं का दौर आज संपन्न हुआ ।समावेशी विकास, बहुपक्षवाद, और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के साथ-साथ खाद्य, ईंधन और उर्वरक, पर्यटन तथा संस्कृति के प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर महत्वपूर्ण बातचीत तीसरे दिन मुख्य आकर्षण रही। आज उदयपुर की शेरपा बैठक के सभी पांच मूल सत्रों का समापन हुआ।
जी 20 शेरपा श्री अमिताभ कांत ने चर्चा की शुरुआत करते हुए, कृषि, व्यापार और निवेश, रोजगार, भ्रष्टाचार-विरोध, पर्यटन और संस्कृति विषयों पर छह अलग-अलग कार्य समूहों के साथ-साथ भारत की जी 20 प्राथमिकताओं की विहंगम जानकारी दी और उनमें आपसी सहकार प्रयासों को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कृषि, व्यापार, रोजगार, भ्रष्टाचार और आर्थिक अपराधों से निपटने के लिये परिवर्तनकारी प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। आर्थिक विकास में वैश्विक बाधाओं पर चर्चा के दौरान, प्रतिनिधियों ने दीर्घकालिक समाधान और सार्थक साझेदारी के माध्यम से लचीला विकास प्राप्त करने के महत्व को रेखांकित किया। श्री अमिताभ कांत ने भारत द्वारा निर्धारित प्राथमिकताओं की विस्तृत श्रृंखला पर प्रतिनिधिमंडलों द्वारा दिए गए समर्थन की सराहना की।
इसके बाद चौथे सत्र में बहुपक्षीय सुधारों और ऐसी संस्थाओं के निर्माण की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया गया जो जरूरतों और महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम हों और जो दुनिया भर के सभी क्षेत्रों और देशों की प्राथमिकताओं को प्रतिबिंबित कर सके तथा वर्तमान चुनौतियों का समाधान कर सके। व्यवधानों को दूर करने और खाद्य, ईंधन और उर्वरक आपूर्ति की सुरक्षा को बढ़ावा देने से संबंधित मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया। विचार के प्रमुख बिन्दु थे बहुपक्षीय विकास बैंकों के जनादेश और संसाधनों को सुदृढ़ करना और बढ़ाना, विश्व व्यापार संगठन में सुधार करना, हरित ऊर्जा को प्राप्त करने में हरित हाइड्रोजन का महत्व, जिसमें अधिक शांति और सद्भाव के लिए बहुपक्षवाद में सुधार लाना शामिल था। समकालीन वैश्विक सामाजिक-आर्थिक और भू-राजनीतिक चिंताओं को देखते हुए, इस बात पर प्रकाश डाला गया कि यह चर्चा सामयिक और अत्यंत महत्वपूर्ण है।
पांचवें सत्र की चर्चा महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास और विकास के मामले में महिलाओं को सबसे आगे रखने की आवश्यकता पर केंद्रित थी। इस सत्र में किए गए हस्तक्षेपों ने लैंगिक अंतर को कम करने, शिक्षा और कौशल के माध्यम से महिलाओं की क्षमता बढ़ाने, नेतृत्व की भूमिकाओं में महिलाओं को बढ़ावा देने और महिला श्रमिकों की भागीदारी को बढ़ावा देने जैसी महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं पर ध्यान आकर्षित किया। सत्र में शामिल अन्य विषय थे: एसडीजी उपलब्धि की प्रगति में तेजी लाने के लिए पर्यटन क्षेत्र का लाभ उठा कर सांस्कृति के संरक्षण को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक गुणों की बहाली करना।
इसके साथ ही शेरपा बैठक के दो दिनों से चल रहे पांच मूल सत्र संपन्न हो गये। पिछले तीन दिनों के उपयोगी विचार-विमर्श को आगे बढ़ाते हुए, भारत के जी 20 शेरपा ने चर्चा के प्रमुख क्षेत्रों पर प्रकाश डाला और जी 20 देशों की सामूहिक कार्रवाई को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया। भारत की अध्यक्षता का व्यापक थीं – वसुधैव कुटुम्बकम – एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य – समूची कार्यवाही के दौरान गूंजता रहा।
मूल सत्रों के बाद, जी 20 शेरपाओं और प्रतिनिधिमंडलों के लिए जाने माने शिल्पग्राम का दौरा आयोजित किया गया। इसकी वास्तुकला और प्रदर्शित की गई राजस्थानी कला और शिल्प की विविधता से सभी मेहमान मुग्ध हो गए।
शाम को उदयपुर के ऐतिहासिक माणक चौक में प्रतिनिधिमंडलों को एक शानदार और रंगीन संगीतमय दावत दी गई।
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