सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर ने सीएसआईआर का 81वां स्थापना दिवस मनाया

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद की स्थापना 26 सितंबर 1942 को हुई थी। इस वर्ष, यह भारत के सबसे बड़े अनुसंधान एवं विकास संगठनों में से एक अपना 81वां स्थापना दिवस मना रहा है। देशभर में फैली 37 प्रयोगशालाएं इस विशेष  दिन को अपनी-अपनी जगह  पर मनाती हैं । दिल्ली स्थित सीएसआईआर प्रयोगशाला राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान ने इस माह की 27 सितंबर 2022 को राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर (एनएएससी), टोडापुर, नई दिल्ली में परिषद का 81वां स्थापना दिवस मनाया।

स्थापना दिवस के मुख्य समारोह से पहले, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर ने 27 सितंबर 2022 को सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे के दौरान विवेकानंद हॉल, एनआईएससीपीआर, पूसा कैंपस, नई दिल्ली में एक ओपन डे कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर 130 स्कूली छात्रों ने एनआईएससीपीआर और विभिन्न संस्थान सुविधाओं का दौरा किया। राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (एनआईएससीपीआर –निस्पर) की निदेशक, प्रो रंजना अग्रवाल ने छात्रों को संबोधित किया और उन्हें उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रेरित किया। ओपन डे के छात्र-वैज्ञानिक सम्पर्क सत्र के दौरान, सीएसआईआर – एनआईएससीपीआर के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. जी महेश द्वारा एक विशेष व्याख्यान दिया गया। डॉ. एम. रईस, मुख्य वैज्ञानिक, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर में मुख्य वैज्ञानिक डॉ. एम. रईस और एनआईएससीपीआर में सीएसआईआर के 81वें स्थापना दिवस समारोह के मुख्य समन्वयक एवं श्री सी.बी. सिंह, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक और जिज्ञासा, एनआईएससीपीआर के समन्वयक ने भी छात्रों के साथ अपने विचार साझा किए।

ओपन डे के दौरान, एनआईएससीपीआर प्रकाशनों की प्रदर्शनी, अयूर वाटिका और रॉ मटेरियल हर्बेरियम म्यूजियम (आरएचएमडी) का दौरा इन आने वाले छात्रों के लिए अन्य विशेष आकर्षण थे। विज्ञान को लोकप्रिय बनाने में लगे भारतीय संगठनों पर केंद्रित एनआईएससीपीआर की मासिक लोकप्रिय विज्ञान हिंदी पत्रिका विज्ञान प्रगति का विशेष अंक भी छात्रों के बीच वितरित किया गया।

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सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर में आयोजित ओपन डे और प्रदर्शनी। इस अवसर पर 130 स्कूली छात्रों ने संस्थान का दौरा किया और वैज्ञानिकों से  बातचीत करने का अवसर प्राप्त किया

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सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर में मुख्य वैज्ञानिक डॉ. जी. महेश (बाएं) ओपन डे के दौरान विशेष भाषण देते हुए तथा संस्थान की प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सुमन रे (दाएं) परिसर में अयूर वाटिका के औषधीय पौधों का वर्णन करते हुए

27 सितंबर 2022 को, सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान ने एनएएससी, नई दिल्ली में 81वां स्थापना दिवस मनाया। विशिष्ट अथिथियों में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली के, ग्रामीण विकास एवं प्रौद्योगिकी केंद्र (सीआरडीटी) में, भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी आईआरईडीए – (इरेडा) में प्रोफेसर, प्रो. वीरेंद्र के. विजय, और राष्ट्रीय समन्वयक, उन्नत भारत अभियान (यूबीए) के राष्ट्रीय समन्वयक तथा  सीएसआईआर – निस्टैड्स में पूर्व निदेशक डॉ. अशोक जैन ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम  में भाग लिया। स्थापना दिवस समारोह के दौरान, विज्ञान संचार साहित्य के प्रारूपों पर केंद्रित सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की एक पुस्तक का भी विमोचन किया गया। यह पुस्तक भारत की क्षेत्रीय भाषाओं में विज्ञान संचार के उद्देश्य से सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के विज्ञान संचार प्रभाग में अध्ययन द्वारा आयोजित एक कार्यशाला का परिणाम है। इस पुस्तक के लेखकों ने विज्ञान कथा, कविता, कठपुतली, विज्ञान ब्लॉग आदि जैसे प्रमुख स्वरूपों पर चर्चा की है। दिल्ली स्थित चार लेखक डॉ. मधु पंत (पूर्व निदेशक, राष्ट्रीय बाल भवन), श्री रघुवर दत्त रिखाडी (पूर्व संपादक – खोज बुद्धिमत्ता एवं अविष्कार), डॉ मनीष मोहन गोर (वैज्ञानिक, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर और संपादक, विज्ञान प्रगति) और सुश्री शुभदा कपिल (सहायक संपादक, विज्ञान प्रगति) पुस्तक विमोचन क्षण में शामिल हुए।

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सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर द्वारा एनएएससीनई दिल्ली में आयोजित सीएसआईआर के 81वें स्थापना दिवस समारोह के उद्घाटन समारोह की एक झलक

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सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर द्वारा विज्ञान संचार प्रारूपों पर प्रकाशित एक पुस्तक का विमोचन सीएसआईआर स्थापना दिवस समारोह में किया गया

स्थापना दिवस समारोह के दौरान, विशिष्ट अतिथियों ने सेवानिवृत्त लोगों के साथ ही 25 वर्ष की सेवा पूर्ण करने और एनआईएससीपीआर कर्मचारियों के 10वीं और 12वीं कक्षा के प्रतिभाशाली बच्चों को पुरस्कार वितरित किए। एनआईएससीपीआर के स्टाफ सदस्यों द्वारा विभिन्न विषयों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। डॉ. मोहम्मद रईस, मुख्य वैज्ञानिक, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।

सीएसआईआर के संयुक्त सचिव ने भी सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर का दौरा किया

सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (एनआईएससीपीआर), नई दिल्ली ने हिंदी माह के समापन कार्यक्रम का आयोजन किया। सीएसआईआर के संयुक्त सचिव, श्री महेंद्र कुमार गुप्ता ने एनआईएससीपीआर का दौरा किया और 28 सितंबर 2022 को इस कार्यक्रम में शामिल हुए। श्री गुप्ता ने एनआईएससीपीआर के हर्बेरियम, लोकप्रिय विज्ञान विभाग,  सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) डिवीजन और प्रकाशन एकक (प्रिंटिंग यूनिट) का दौरा किया  और संबंधित डिवीजनों के वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की।

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सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की निदेशक प्रो. रंजना अग्रवाल एवं श्री एम.के. गुप्तासंयुक्त सचिवसीएसआईआर संस्थान के अपने दौरे पर

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सीएसआईआर संयुक्त सचिव श्री एम.के. गुप्ताने सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर में अपनी बात रखी

हिन्दी समारोह में प्रो. रंजना अग्रवाल ने श्री गुप्ता का गमला पौधे, स्मृति चिन्ह और संस्थान के प्रकाशनों के सेट के साथ औपचारिक स्वागत किया। अपने स्वागत भाषण में, प्रो. अग्रवाल ने कहा कि एनआईएससीपीआर ने हिंदी भाषा के माध्यम से विज्ञान और समाज के बीच परस्पर संवाद की दिशा में बहुत योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि विज्ञान प्रगति पत्रिका ने हाल ही में गृह मंत्रालय, भारत सरकार के राजभाषा विभाग का प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार ‘कीर्ति पुरस्कार ‘  जीता है। जो यह इंगित करता है कि एनआईएससीपीआर हिंदी भाषा में अच्छा काम कर रहा है। एनआईएससीपीआर द्वारा 1993 से मूल हिंदी शोध पत्रिका ‘भारतीय वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान पत्रिका’ प्रकाशित की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्वस्तिक संस्थान का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसके माध्यम से वैज्ञानिक रूप से मान्य पारंपरिक ज्ञान को हिंदी और देश की अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में साझा किया जाता है। उन्होंने संयुक्त सचिव महोदय को आश्वासन दिया कि सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर विज्ञान संचार और नीति अध्ययन और अनुसंधान की सभी अनिवार्य गतिविधियों को हिंदी में आयोजित करता रहेगा।

इस अवसर पर सीएसआईआर के संयुक्त सचिव श्री महेन्द्र कुमार गुप्ता ने कहा कि वे बचपन में ‘विज्ञान प्रगति’ के उत्साही पाठक थे और वे अपने सहपाठियों के साथ पत्रिका में प्रकाशित वैज्ञानिक सामग्री पर चर्चा किया करते थे। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि एनआईएससीपीआर की विज्ञान पत्रिका ‘विज्ञान प्रगति’ ने उनके विज्ञान अध्ययन में रुचि विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। श्री गुप्ता ने कहा कि सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर विज्ञान नीति और विज्ञान संचार के अपने मुख्य क्षेत्रों में बहुत अच्छा काम कर रहा है। उन्होंने सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर द्वारा हिंदी माह के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में सभी विजेताओं को पुरस्कार वितरित भी किए।

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