पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद को दुष्कर्म, जबरन बंधक बनाने और धमकाने के आरोप से कोर्ट ने किया बरी

न्यूज़ डेस्क : शाहजहांपुर में एलएलएम छात्रा से दुष्कर्म के मामले में लखनऊ स्थित एमपीएमएलए कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया है। इससे पहले छात्रा चिन्मयानंद पर लगाए गए अपने आरोपों से मुकर गई थी और दबाव में आरोप लगाने का बयान कोर्ट में दर्ज कराया था।

 

 

 

पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद उर्फ कृष्णपाल सिंह को एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। इसके साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद उर्फ़ कृष्णपाल सिंह को ब्लैकमेल करके पांच करोड़ की रंगदारी मांगने की आरोपी और दुराचार की पीड़िता तथा उसके साथी संजय सिंह, डीपी सिंह, विक्रम सिंह और सचिन सिंह को एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।

 

 

 

बयानों के आधार पर शुक्रवार को एमपीएमएलए कोर्ट ने चिन्मयानंद को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया है। छात्रा ने चिन्मयानंद पर दुष्कर्म, जबरन बंधक बनाने और धमकाने का आरोप लगाते हुए वीडियो भी वायरल किया था। चिन्मयानंद पर 28 अगस्त 2019 को एसएस लॉ कॉलेज में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा के पिता की तहरीर पर आईपीसी की धारा 376 (सी), 342, 354 (डी), 506 में चौक कोतवाली में दर्ज कराया था। यह जानकारी चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने दी है।

 

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