देश की पहली कोरोना वैक्सीन ‘Covaxin’ का ह्यूमन ट्रेल शुरू

न्यूज़ डेस्क : कोरोना वायरस का संक्रमण देश और दुनिया में बढ़ता ही जा रहा है। बढ़ते संक्रमण के बीच दुनियाभर के लोगों को इसकी वैक्सीन का इंतजार है। आईसीएमआर यानी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और भारत बायोटेक ने मिलकर कोरोना की वैक्सीन Covaxin तैयार कर ली है, जिसका कोड नाम BBV152 रखा गया है। इस वैक्सीन को 15 अगस्त तक लॉन्च करने का दावा किया गया था, लेकिन इसमें देर हो सकती है। बहरहाल, इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल यानी इंसानी परीक्षण शुरू हो चुका है। अगर सारे परीक्षण सही रहते हैं तो कोरोना वायरस के खिलाफ असर दिखाने वाली यह भारत की पहली कोरोना वैक्सीन होगी। फिलहाल जानते हैं इस वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल को लेकर अपडेट जानकारी क्या है:

 

 

आईसीएमआर यानी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की मदद से भारत बायोटेक ने देश की पहली कोरोना वैक्सीन Covaxin तैयार की है। कंपनी ने आईसीएमआर के साथ मिलकर इस वैक्सीन का इंसानों पर पहले चरण का ट्रायल शुरू कर दिया है। इसमें 14 जगहों के करीब 1500 वॉलेंटियर्स यानी स्वयंसेवकों को शामिल किया गया है। 

 

 

पहले चरण के इस ट्रायल को ‘सेफ्टी एंड स्क्रीनिंग’ कहा जा रहा है। स्वस्थ लोगों के शरीर पर हो रहे इस ट्रायल में यह जांच की जाएगी कि वैक्सीन से संक्रमण का कोई खतरा तो नहीं है। साथ ही यह भी जांचा जाएगा कि लिवर और कोविड-19 पर इस वैक्सीन का क्या असर पड़ रहा है।

 

 

आईसीएमआर के मुताबिक, पहले चरण के इस ट्रायल में वैक्सीन का डोज कम रहेगा। ट्रायल के लिए जो एक नया प्रोटोकॉल जोड़ा गया है, उसके मुताबिक, आईसीएमआर इस ट्रायल में शामिल होने वाले वॉलेंटियर्स का एंटीबॉडी टेस्ट भी करेगा। इससे यह जानने की कोशिश की जाएगी कि वॉलंटियर्स को भविष्य में कभी कोरोना का संक्रमण होगा या नहीं। आगे होने वाले ट्रायल में शामिल करना या नहीं करना इसी बात पर निर्भर करेगा। 

 

पहले चरण के ह्यूमन ट्रायल में देशभर के 14 शहरों से करीब 1500 वॉलेंटियर्स शामिल होंगे। इन 14 शहरों के लिए ट्रायल किट जारी कर दी गई हैं और अब सैंपल जमा करने की ट्रेनिंग दी जा रही है। इन 14 शहरों में नई दिल्ली,  गोवा, गोरखपुर, भुवनेश्वर, रोहतक, चेन्नई, पटना, कानपुर, विशाखापट्नम और हैदराबाद शामिल हैं। 

 

वैक्सीन का ट्रायल बिहार की राजधानी पटना स्थित एम्स में भी होगा। ट्रायल के लिए 18-50 साल के 10 लोगों को शामिल किया गया है। एम्स प्रशासन के मुताबिक, वॉलेंटियर के रूप में शामिल होने के लिए एक मोबाइल नंबर जारी किया गया था, जिसपर 50 से ज्यादा लोगों के कॉल आए। फाइनली 10 लोगों को ट्रायल में शामिल किया गया है।

 

भारत बायोटेक ने जून के अंतिम सप्ताह में बताया था कि इस ट्रायल के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की तरह से अनुमति मिल चुकी है। आईसीएमआर की गाइडलाइन के मुताबिक, ट्रायल में शामिल लोगों की जांच के बाद रिपोर्ट सही मिलने पर उन्हें वैक्सीन का पहला डोज दिया जाएगा। 

 

 

आईसीएमआर और भारत बायोटेक ने वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए एम्स में पांच विशेषज्ञों की टीम गठित की है। वॉलेंटियर को पहला डोज देने के बाद 2-3 घंटे तक डॉक्टरों की टीम उनपर नजर रखेगी। उसके बाद ही उन्हें घर जाने को कहा जाएगा। वैक्सीन का दूसरा डोज उन्हें 14 दिन बाद दिया जाएगा। 

 

 

आईसीएमआर और भारत बायोटेक की ओर से किया जा रहा पहले चरण का ह्यूमन ट्रायल सफल होने पर अगले चरण का ट्रायल शुरू होगा। अगर सभी चरण के ट्रायल सही होते हैं और इनका कोई नकारात्मक परिणाम नहीं आता है तो कोरोना वायरस के खिलाफ असर दिखाने वाली Covaxin भारत की पहली कोरोना वैक्सीन होगी। 

 

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