देश मे अब होगी ताईवानी तकनीक से खेती

न्यूज़ डेस्क : भारत में अब अत्याधुनिक तकनीकों के जरिए सब्जियों की खेती की जाएगी। इसके लिए ताइवान स्थित विश्व सब्जी केंद्र मदद करेगा। कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) ने विश्व सब्जी केंद्र से इस बाबत शुक्रवार को समझौता किया है। समझौते के तहत दोनों संस्थानों के वैज्ञानिक मिलकर उच्च गुणवत्ता वाली सब्जियों की खेती पर शोध भी करेंगे।

 

सीएसए के कुलपति प्रो. सुशील सोलोमन ने बताया कि विश्व सब्जी केंद्र के महानिदेशक डॉ. मारको बोवरेइस ने रिसर्च के साथ शैक्षणिक सहभागिता बढ़ाने की बात भी कही है। कहा कि नए शोध से भारत में किसानों की आमदनी बढ़ेगी।

प्रो. सोलोमन ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की कास्ट प्रोजेक्ट तहत उनकी टीम में शोध निदेशक डॉ. एचजी प्रकाश, उपनिदेशक शोध डॉ. डीपी सिंह ने ताइवान स्थित विश्व सब्जी केंद्र के महानिदेशक डॉ. मारको बोवरेइस, डॉ. डेविड जानसन, डॉ. श्री निवास के साथ बैठक की।

भंडारण और पैकेजिंग पर भी होगा फोकस
कुलपति प्रो. सुशील सोलोमन ने बताया कि देश में लगभग 10.3 लाख हेक्टेयर भूमि पर सब्जी की खेती की जा रही है। इससे करीब 175 लाख टन उत्पादन होता है। देश का सब्जी फसल उत्पादन में दूसरा स्थान है। मगर उचित भंडारण, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण सही उपयोग नहीं हो पाता है। विश्व सब्जी केंद्र इसमें मदद करेगा।

ताइवान के वैज्ञानिकों ने की तारीफ : प्रो. सोलोमन ने बताया कि विश्व सब्जी केंद्र में सीएसए की विकसित प्रजाति एवं शाकभाजी फसलों तथा बीज उत्पादन कार्यक्रम की जानकारी दी गई है। वहां के वैज्ञानिकों ने मॉड्यूल की काफी प्रशंसा की। महानिदेशक डॉ. मारको ने कहा कि केंद्र के विशेषज्ञ विश्वविद्यालय की हरसंभव मदद करेंगे। विवि के एमएससी व पीएचडी छात्रों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। ताकि देश में शाकभाजी के विशेषज्ञ तैयार हो सकें।

 

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