नई दिल्ली। सीवीसी ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को भ्रष्टाचार के मामले में क्लीन चित दे दी। सीवीसी ने कहा कि आलोक वर्मा के स्तर से सिर्फ प्रशासकीय चूक हुई है।
एजेंसी आलोक वर्मा के खिलाफ हैदराबाद के व्यवसाई सतीश साना द्वारा दो करोड़ रुपये घूस लेने के मामले में जांच कर रही थी। हालांकि जांच में यह जरूर पाया है कि उनके स्तर से प्रशासकीय चूक हुई। आलोक वर्मा पर उनके अधीनस्थ स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने घूसखोरी का आरोप लगाया था। उधर इस मामले में डायरेक्टर आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा। याचिका पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजय किशन कौल की बेंच सुनवाई करेगी।
इससे पहले सीवीसी ने सीलकवर में अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी थी। साथ ही सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव द्वारा 23 अक्तूबर से 26 अक्तूबर तक जांच अफसरों के ट्रांसफर समेत तमाम फैसलों की सील कवर में सूची दे दी गई। 26 अक्तूबर को पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सीवीसी को दो हफ्ते में आलोक वर्मा पर लगे आरोपों की जांच पूरी कर सील कवर में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज जस्टिस ए के पटनायक को जांच की निगरानी का जिम्मा सौंपा था।
कोर्ट ने ये भी निर्देश दिए थे कि सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव कोई भी नीतिगत फैसले नहीं लेंगे। कोर्ट ने 23 अक्तूबर से 26 अक्तूबर तक जांच अफसरों के ट्रांसफर समेत तमाम फैसलों की सील कवर में सूची मांगी थी।साथ ही केंद्र, सीवीसी व राकेश अस्थाना समेत सभी को नोटिस जारी किया था।
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