न्यूज़ डेस्क : ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को कोरोना वायरस महामारी के चलते 2020 में 300 से अधिक वर्षों में सबसे बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा है। पिछले साल ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में 9.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। महामारी के चलते ब्रिटेन में दुकान और रेस्तरां बंद हो गए। इसके अलावा महामारी ने यात्रा उद्योग और विनिर्माण को तबाह कर दिया।
1709 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने इस संदर्भ में कहा कि 2020 में आई आर्थिक गिरावट वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान 2009 की गिरावट की तुलना में दो गुना से अधिक है। यह गिरावट 1709 के बाद की सबसे बड़ी है, जब ग्रेट फ्रॉस्ट के रूप में प्रसिद्ध सर्दियां पड़ी थीं। तब ब्रिटेन मुख्यत: कृषि आधारित अर्थव्यवस्था था।
अर्थव्यवस्था को लगा गहरा झटका
ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने एक बयान में कहा कि, ‘आज के आंकड़े बताते हैं कि महामारी के परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था को गहरा झटका लगा है, जिसे दुनिया भर के देशों ने महसूस किया है। हालांकि सर्दियों के दौरान अर्थव्यवस्था के लचीलेपन के कुछ सकारात्मक संकेत हैं, लेकिन हम जानते हैं कि वर्तमान लॉकडाउन का कई लोगों और व्यवसायों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ रहा है।’
बजट भाषण में करेंगे नई योजनाओं की घोषणा
सुनक ने कहा कि वह नौकरियों की सुरक्षा के लिए सालाना बजट भाषण में नई योजनाओं की घोषणा करेंगे। वह तीन मार्च को हाउस ऑफ कॉमन्स में बजट संबोधन देने वाले हैं। कोविड-19 ने अधिकांश अन्य औद्योगिक लोकतंत्रों की तुलना में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को अधिक प्रभावित किया है। 2020 में फ्रांस के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8.3 फीसदी, जर्मनी की अर्थव्यवस्था में पांच फीसदी और अमेरिकी की जीडीपी में 3.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
मालूम हो कि ब्रिटेन के उत्तराधिकारी प्रिंस चार्ल्स और उनकी पत्नी कैमिला को कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है। चार्ल्स के कार्यालय क्लेरेंस हाउस ने बुधवार को इस बात की जानकारी साझा की। जानकारी के मुताबिक 72 वर्षीय चार्ल्स और उनकी पत्नी 73 वर्षीय कैमिला यूनाइटेड किंगडम की संयुक्त समिति द्वारा चलाए जा रहे टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत 70 से अधिक प्राथमिकता वाले समूह में आते हैं, जो कोरोना वायरस जैसे गंभीर बीमारी के लिए सबसे कमजोर लोगों में से एक माने गए हैं। इसलिए इन्हें वैक्सीन की पहली डोस मिली है।
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