न्यूज़ डेस्क : कोरोना महामारी की दूसरी लहर का असर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर भी पड़ने लगा है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (FADA) ने वित्त वर्ष 2020-21 के आंकड़े जारी किए हैं। फाडा के मुताबिक आठ वर्षों के दौरान पिछले वित्त वर्ष में भारत में कुल वाहन पंजीकरण में सबसे ज्यादा 29.85 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2019-20 में 2,17,68,502 यूनिट्स की तुलना में वित्त वर्ष 2020-21 में पंजीकरण का आंकड़ा 1,52,71,519 यूनिट्स तक गिर गया।
ट्रैक्टर को छोड़कर सभी सेगमेंट में गिरावट
ट्रैक्टर को छोड़कर बाकी सभी श्रेणियों में पिछले वित्त वर्ष में गिरावट आई है। दोपहिया वाहन श्रेणी में 31.51 फीसदी की गिरावट देखी गई, तिपहिया श्रेणी में 64.12 फीसदी की गिरावट आई, वाणिज्यिक वाहनों (कमर्शियल व्हीकल) और यात्री वाहनों (पैसेंजर व्हीकल) सेगमेंट में 13.96 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। ये सभी आंकड़े वित्त वर्ष 2013 के स्तर से काफी नीचे हैं।
ट्रैक्टर इकलौती ऐसी श्रेणी है जिसमें 16.11 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। वित्त वर्ष 20-21 में 6,44,779 ट्रैक्टर का पंजीकरण हुआ। जबकि उससे पिछले वित्त वर्ष 19-20 के दौरान 5,55,315 ट्रैक्टर का पंजीकरण हुआ था।
हर सेगमेंट का हाल
पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट की बात करें तो फाडा के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष में 27,73,514 यूनिट्स की तुलना में इस वित्त वर्ष में 23,86,316 यूनिट्स का पंजीकरण हुआ। वहीं टू-व्हीलर सगमेंट में जहां पिछले वित्त वर्ष में 1,68,38,965 यूनिट्स का पंजीकरण हुआ, वहीं इस बार दोपहिया वाहनों की 1,15,33,336 यूनिट्स रजिस्टर हुईं। वित्त वर्ष-20 में 7,19,594 यूनिट्स की तुलना में तीन-पहिया वाहनों का 2,58,174 यूनिट्स का ही पंजीकरण हो सका। कमर्शियल व्हीकल्स की बात करें तो पिछले वित्त वर्ष के 8,81,114 यूनिट्स के मुकाबले इस बार 4,48,914 यूनिट्स का पंजीकरण हुआ।
अप्रैल 2021 में गिरा पंजीकरण
मार्च के महीने की तुलना में अप्रैल में वाहनों के मासिक पंजीकरण में 28.15 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। मार्च में जहां 16,49,678 यूनिट्स का पंजीकरण हुआ वहीं अप्रैल के महीने में 11,85,374 यूनिट्स का पंजीकरण हो सका। अप्रैल 2021 की अप्रैल 2020 के साथ कोई तुलना नहीं की गई है क्योंकि फाडा ने कहा कि देश में पिछले साल अप्रैल में फुल लॉकडाउन था और इस कारण एक भी वाहन की बिक्री नहीं हो सकी थी। इस तरह साल-दर-साल की तुलना संभव नहीं है।
इस दौरान सबसे ज्यादा गिरावट ट्रैक्टर की श्रेणी में दर्ज हुई। मार्च 2021 में 69,082 ट्रैक्टर का पंजीकरण हुआ था, जो अप्रैल 2021 में घटकर 38,285 हो गया। यानी ट्रैक्टर सेगमेंट में 44.58 फीसदी की गिरावट रही। इसी तरह दोपहिया श्रेणी में 27.63 फीसदी, तिपहिया श्रेणी में 43.11 फीसदी, यात्री वाहन श्रेणी में 25.33 फीसदी, कमर्शियल वाहन श्रेणी में 23.65 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
राहत घोषणाओं की अपील
इस साल अप्रैल में, ऑटोमोबाइल सेक्टर में पंजीकरण में दो अंकों की गिरावट देखी गई क्योंकि ज्यादातर राज्यों ने महीने की शुरुआत से ही आंशिक या फुल लॉकडाउन लागू किया था। फाडा के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने पीटीआई के हवाले से कहा, “पिछले साल के उलट, इस बार राज्य सरकारों द्वारा लॉकडाउन लागू किया गया है। इस वजह से अब तक केंद्र या आरबीआई और ऑटो मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) द्वारा कोई राहत घोषणाएं नहीं हुई हैं।”
उन्होंने वाहन निर्माताओं से कहा कि वे अपने डीलरों की मदद करें जैसा उन्होंने पिछले साल किया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि “ज्यादातर राज्यों और डीलरों की स्थिति बहुत गंभीर है, साथ ही उनकी टीम कोविड से बचने के लिए लड़ रही है।” उन्होंने आरबीआई से अपीस की है कि प्रत्येक राज्य द्वारा लॉकडाउन की दिनों की संख्या के बराबर लोन रिपेमेंट में छूट के लिए दिशा-निर्देश या अधिसूचनाएं जारी की जाएं।
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