WHO ने जिन कोरोना टीकों को मंजूरी दे दी है, उन्हें भारत में मंजूरी लेने की जरूरत नहीं : अमित शाह

न्यूज़ डेस्क : देश में कोरोना के खौफ के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वस्त किया है कि केंद्र ने कुछ महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय किए हैं। मई से उनका असर दिखेगा। एक अहम फैसला यह लिया गया है कि अमेरिका, ब्रिटेन, जापान व डब्ल्यूएचओ ने जिन कोरोना टीकों को मंजूरी दे दी है, उन्हें भारत में मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है। 

 

 

 

एक टीवी चैनल से चर्चा में गृह मंत्री शाह ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार ने कोराना की नई लहर को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। विश्व में जहां भी दूसरी व तीसरी लहर आई वह पहली लहर के मुकाबले ढाई से तीन गुना ज्यादा तीव्र है। पहली लहर की तुलना में यह ढाई से तीन गुना तेज है। इसमें जो नया वायरस बना है, वह घातक कम है लेकिन यह तेजी से फैलता है। वैज्ञानिक कोरोना के नए वायरस पर वैज्ञानिक तेजी से काम कर रहे हैं।

 

 

देश में इसलिए है ऑक्सीजन संकट

अमित शाह ने देश में ऑक्सीजन की कमी का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ राज्य ऑक्सीजन का स्टॉक कर रहे हैं, उन्हें अपने मरीजों के लिए यह करना भी चाहिए। केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन आयात का फैसला कर लिया है। लेकिन इसका बराबर वितरण हो, इसके लिए भी प्रधानमंत्री ने पहल की है। रेमेडिसिवर के निर्यात पर तुरंत रोक लगाई गई और इसका तीन गुना अधिक उत्पादन का निर्णय किया गया है।

 

 

 

टीकों पर नीतिगत निर्णय

यूएस, यूके, जापान और WHO ने जिन टीकों को मान्यता दी है, वो जल्द ही भारत में उपलब्ध हो जाएंगे। हम टीकाकरण की सुविधा भी बढ़ा रहे हैं। मई शुरू होते-होते इन निर्णयों का असर दिखाई देगा। 

 

 

वायरस बदल रहा स्वरूप

गृह मंत्री शाह ने स्पष्ट किया कि इन निर्णयों का और कोरोना फैलने का कोई संबंध नहीं है, क्योंकि वायरस अपना स्वरूप बदलता है। वह दवाओं का असर भी कम करता है। 

 

 

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