न्यूज़ डेस्क : ट्रेन से सफर करने के दौरान अगर कोई यात्री मास्क नहीं पहनता है, कोविड-19 महामारी को लेकर जारी दिशानिर्देशों का पालन नहीं करता है या कोरोना से संक्रमित होने के बावजूद सफर करता है तो उसके खिलाफ रेल अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। ऐसी लापरवाही करने वाले यात्रियों को जुर्माना भरने के साथ जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। यह जानकारी रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने बुधवार को दी।
आरपीएफ ने त्योहारी सीजन को देखते हुए बुधवार को रेल यात्रियों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं ताकि वे कोविड-19 महामारी के बीच सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। रेलवे को त्योहारी सीजन में अधिक संख्या में लोगों के यात्रा करने की उम्मीद है। इसे देखते हुए आरपीएफ ने यात्रियों को आगाह किया है कि ऐसी कोई भी लापरवाही जो संक्रमण फैलने का कारण हो सकती है, उसे रेलवे की यात्री सुविधाओं में हस्तक्षेप माना जाएगा।
रेलवे सुरक्षा बल ने एक बयान में कहा कि रेल या रेलवे स्टेशन पर कोविड-19 स्वास्थ्य प्रोटोकॉल की अनदेखी करने वाले यात्रियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत कैद या जुर्माना लगेगा। बयान में कहा गया कि मास्क न पहनना या अनुचित तरीके से मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करना, ट्रेन अथवा स्टेशन पर थूकना, रेलवे स्टेशन पर देर से पहुंचना, बिना कोरोना जांच के ट्रेन में चढ़ने आदि को लापरवाही माना जाएगा।
वहीं अगर कोई यात्री कोरोना जांच के लिए नमूने दे चुका है और उसकी जांच रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन वह ट्रेन पर चढ़ गया, तो उसे अपराधी माना जाएगा इसी तरह यदि रेलवे स्टेशन पर तैनात स्वास्थ्य टीम की अनुमति के बिना ट्रेन में चढ़ने को अपराध माना जाएगा। इस संबंध में आरपीएफ ने एक बयान में कहा कि चूंकि ये गतिविधियां या कृत्य कोरोना वायरस के प्रसार को बढ़ा सकती है और किसी व्यक्ति की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
इन धाराओं में मिल सकती है सजा
आरपीएफ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ऐसी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ रेल अधिनियम की धारा 145,153 और 154 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। बता दें कि रेल अधिनियम की धारा 145 (नशे में होना या उपद्रव करना) के तहत अधिकतम एक महीने की कैद, धारा 153 (जानबूझ कर यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए जुर्माने के साथ अधिकतम पांच साल की कैद और धारा 154 (लापरवाह कृत्यों से अन्य यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालना) के तहत एक साल तक की कैद या जुर्माना, या दोनों सजा साथ में दिए जाने का प्रावधान है।
बता दें कि 17 अक्तूबर से शरदीय नवरात्रि शुरू हो रहे हैं। इसी के साथ दुर्गा पूजा, रामनवमी, दशहरा, तीज और दिवाली के अवसर पर बड़ी संख्या में लोग रेल यात्रा करेंगे। इसे देखते हुए रेलवे सुरक्षा बल अपनी तैयारियां कर रहा है ताकि यात्री सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।
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