न्यूज़ डेस्क : भारत में कोरोना महामारी से ठीक होने की दर 88 फीसदी है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि भारत ऐसा पहला देश है जिसने लॉकडाउन के लचीले स्वरूप को अपनाया। भारत अब कोविड19 का टीका विकसित करने में जुटे सबसे अग्रणी देशों में से एक है। यह बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ग्रैंड चैलेंज की वार्षिक बैठक उद्घाटन समारोह के दौरान कहीं।
उन्होंने कहा कि आज हम प्रति दिन कोरोना के मामलों की वृद्धि दर में गिरावट देख रहे हैं। भारत में लोगों के ठीक होने की दर 88 फीसदी है, जो सबसे उच्चतम स्तर में से एक है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत में हमारे पास एक मजबूत और सक्षम वैज्ञानिक समुदाय है। हमारे पास अच्छे वैज्ञानिक संस्थान भी हैं।
कोविड-19 से लड़ते हुए वे विशेष रूप से पिछले कुछ महीनों के दौरान देश की सबसे बड़ी संपत्ति रहे हैं। कंटेंमेंट से लेकर क्षमता निर्माण तक उन्होंने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने ग्रैंड चैलेंज की वार्षिक बैठक 2020 के उद्घाटन समारोह में कहा कि यह बैठक भारत में आयोजित की जानी थी। परंतु बदली हुई परिस्थितियों में इसे वर्चुअल तरीके से आयोजित किया गया है।
वैश्विक महामारी के ऐसे हालात में भी तकनीक की ताकत ने हमें अलग नहीं होने दिया है। उन्होंने कहा कि भविष्य उन समाजों का होगा, जो विज्ञान और नवाचार में निवेश करेंगे। लेकिन, यह अदूरदर्शी तरीके से नहीं किया जा सकता है। विज्ञान और नवाचार में पहले से और भी बेहतर ढंग से निवेशन करना होगा। यही है कि जब हम सही समय पर लाभ उठा सकते हैं।
ग्रैंड चैलेंजेस की वार्षिक बैठक को वीडियो कांफ्रेस से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई है और इससे ठीक होने की दर 88 प्रतिशत तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए संभव हो सका क्योंकि भारत ने सबसे पहले लॉकडाउन लगाया और लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि आज हम देख रहे हैं कि देश में कोरोना संक्रमण के मामले प्रति दिन घट रहे हैं और इसकी वृद्धि की दर में भी कमी आई है। भारत में आज ठीक होने की दर भी 88 प्रतिशत हो गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा इसलिए संभव हुआ क्योंकि भारत लॉडाउन लागू करने वाला पहला देश था। भारत पहले देशों में था जिसने मास्क के इस्तेमाल को लेकर लोगों को प्रोत्साहित किया। संक्रमण का पता लगाने के लिए भारत ने प्रभावी तरीके से काम किया और रेपिड एंटीजन जांच शुरू करने वाले पहले देशों में था।
उन्होंने यह भी कहा कि हम यहीं रुकने वाले नहीं हैं। हम टीका वितरण का तंत्र भी विकसित कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि भारत ने स्वच्छता बढ़ाने और शौचालयों की संख्या बढ़ाने समेत अनेक प्रयास किये हैं जो बेहतर स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में योगदान दे रहे हैं।
ग्रैंड चैलेंजेस पिछले 15 वर्षों से स्वास्थ्य और विकास के क्षेत्र में चुनौतियों का समाधान करने में नवाचार के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए काम कर रहा है। ग्रैंड चैलेंजेस इंडिया की स्थापना भारत सरकार के जैव-तकनीकी विभाग और बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की साझेदार से 2012 में किया गया था।
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