न्यूज़ डेस्क : दरअसल, कोरोना महामारी फैलने के मद्देनजर जगाधरी वर्कशॉप के कर्मचारी नेता देवशंकर सिंह ने पिछले सप्ताह रेल अधिकारियों और रेलमंत्री पीयूष गोयल को ट्वीट करके रेलवे कोच को आइसोलेशन वार्ड में बदलने की मांग की थी। जिस पर रेल मंत्री ने संज्ञान लिया और रेल के उच्चाधिकारियों को इस बाबत काम करने को कहा। शनिवार को इसकी शुरुआत कर दी गई और ट्रेन को आइसोलेशन वार्ड बना दिया गया।
रेलवे बोर्ड के निर्देशों के अनुसार, मौजूदा कोचों को आपातकालीन स्थिति में उपयोग किए जाने के लिए इस्तेमाल करने का काम शुरू किया गया। इस समय उत्तर रेलवे की जगाधरी वर्कशॉप ने मौजूदा स्लीपर कोच को आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित करने की कार्यवाही की जा रही है। एक कोच को तो आइसोलेशन वार्ड बना भी दिया गया है। 24 घंटे के अंदर बाकी कोच को भी आइसोलेशन वार्ड बनाने का काम चल रहा है।
जगाधरी वर्कशॉप के मुख्य कारखाना प्रबंधक सुधांशु पंवार ने बताया कि सैनिटेशन के बारे में डब्लूएचओ के निर्देशों के अनुसार, काम के निष्पादन से पहले और बाद में परिवर्तित होने वाले डिब्बों को साफ किया जाता है। उक्त कार्य को करने के लिए बुक किए गए कर्मचारियों को सैनिटाइज किया जा रहा है और उन्हें पूरी देखभाल किट दी गई है। प्रत्येक कोच में 10 आइसोलेशन वार्ड हैं। 415 वाट की बाहरी विद्युत आपूर्ति का प्रावधान है।
आइसोलेशन वार्ड की मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं- टॉयलेट पैन को बंद करके दो शौचालय को बाथरूम में परिवर्तित करना, हाथ धोने व स्नान आदि का प्रावधान, प्रत्येक बाथरूम में एक बाल्टी और मग, रोगी पक्ष के मध्य बर्थ को हटाना, प्लाईवुड द्वारा डिब्बे के निचले हिस्से को बंद करना, डिब्बे को अलग करने के लिए गलियारे की तरफ से विभाजन का प्रावधान, प्रत्येक डिब्बे में 4 नंबर बोतल धारकों का प्रावधान, चिकित्सा उपकरणों के लिए प्रत्येक डिब्बे में 220 वाट के विद्युत बिंदुओं का प्रावधान, प्रत्येक डिब्बे में हवा के पर्दे का प्रावधान।
इसके अतिरिक्त उपयोग के अनुसार प्रति दिन 400 सुरक्षा मास्क बनाए जा रहे हैं। स्टाफ नर्स और मरीजों के लिए एप्रन भी तैयार किए जा रहे हैं। मेडिकल स्टाफ की आवश्यकता के अनुसार, जगाधरी वर्कशॉप में डॉक्टरों के लिए पीपीई किट बनाई जा रही है। जल्द से जल्द कच्चे माल की खरीद के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि चिकित्सा देखभाल किट और संबंधित वस्तुओं को बनाया जा सके।
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