न्यूज़ डेस्क : कोरोना काल में सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले सेक्टरों में पर्यटन सेक्टर का नाम सबसे ऊपर है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने मंगलवार को राज्यसभा में जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में अनुमानित 1 करोड़ 50 लाख पर्यटन से संबंधित नौकरियां चली गईं।
राज्यसभा में लिखित उत्तर में रेड्डी ने कहा कि कोरोना महामारी ने लगभग साढ़े तीन करोड़ लोगों को प्रभावित किया है जो पर्यटन क्षेत्र में सीधे कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च द्वारा किए गए अध्ययन के परिणामों के अनुसार, 2020-21 के दौरान समग्र आर्थिक मंदी के कारण, पर्यटन अर्थव्यवस्था या पर्यटन प्रत्यक्ष सकल मूल्य वर्धित में पहली तिमाही में 42.8 फीसदी की गिरावट देखी गई।
हालांकि अनलॉक के कारण पिछले वित्त वर्ष की दूसरी और तीसरी तिमाही में इस क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में मामूली सुधार हुआ, जब टीडीजीवीए में 15.5% और 1.1% की गिरावट आई। रेड्डी ने कहा कि तालाबंदी लागू होने के बाद पर्यटन क्षेत्र में बड़ी संख्या में नौकरियां चली गईं।
एक सर्वेक्षण में पता चला है कि 28 फीसदी भारतीय इस साल अगस्त से सितंबर तक यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, जबकि भविष्य में कोरोना वायरस की तीसरी लहर की संभावना है। हालांकि सर्वेक्षण में शामिल आधे से ज्यादा लोगों ने कहा कि उनकी कोई यात्रा की योजना नहीं है।
वित्त वर्ष 2020-21 में आठ फीसदी गिर सकती है अर्थव्यवस्था
भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में आठ फीसदी की गिरावट का अनुमान जताया है। इससे पहले जनवरी में चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 7.7 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया था। उधर, कोरोना वायरस महामारी के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष में लगातार दो तिमाही में गिरावट के बाद तीसरी तिमाही अक्तूबर-दिसंबर में 0.4 फीसदी की वृद्धि हुई है।
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