न्यूज़ डेस्क : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए शुक्रवार को सभी राज्यों को आर्थिक मदद की मंजूरी दी। शाह ने राज्य आपदा जोखिम प्रबंधन कोष (एसडीआरएफएफ) के तहत पृथकवास बनाने और अन्य सुविधाओं के लिए 11,092 करोड़ रुपये की राशि जारी करने को स्वीकृति दी।
गृह मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्रियों को दिए गए आश्वासन के बाद इस निधि को स्वीकृति दी गई है। मंत्रालय के एक बयान के अनुसार गृह मंत्री ने सभी राज्यों को एसडीआरएमएफ के तहत 11,092 करोड़ रुपये की राशि जारी करने के लिए स्वीकृति दे दी है।
बयान में कहा गया कि पृथकवास सुविधाएं बनाने, नमूने एकत्रित करने और स्क्रीनिंग करने, अतिरिक्त जांच प्रयोगशालाएं बनाने, स्वास्थ्य, निगम, पुलिस और दमकल कर्मियों के लिए निजी सुरक्षा उपकरणों को खरीदने, थर्मल स्कैनर, वेंटिलेटर, एयर प्यूरीफायर आदि खरीदने में इस निधि का उपयोग किया जाएगा।
गृह मंत्रालय ने कहा कि राज्य सरकारों को कोविड-19 की रोकथाम के लिए कदम उठाने के लिहाज से अतिरिक्त निधि उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने 14 मार्च को एसडीआरएफ के इस्तेमाल के लिए विशेष प्रावधान किया।
केंद्र सरकार ने 28 मार्च को राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों से राज्य आपदा मोचन निधियों का इस्तेमाल करने को कहा जहां अगले वित्त वर्ष के लिए 29,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गयी है ताकि 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को भोजन और आश्रय दिया जा सके।
4.07 करोड़ महिलाओं के जनधन खाते में 500-500 रुपये डाले : वहीं, केंद्र ने कोरोना वायरस के चलते लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को देखते हुए देश की 4.07 करोड़ गरीब महिलाओं के जनधन खाते में राहत पैकेज के रूप में शुक्रवार को 500-500 रुपये की पहली किस्त जमा की। अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी राशि अप्रैल के पहले हफ्ते के अंत तक महिलाओं के 20.39 करोड़ से अधिक जनधन खातों में जमा कराई जाएगी।
कोरोना वायरस के चलते लागू 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी बंद को देखते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) की घोषणा की थी। इसके तहत उन्होंने अप्रैल से अगले तीन महीने तक 500-500 रुपये की सहायता राशि जमा कराने की जानकारी दी थी।
अधिकारियों ने बताया कि सामाजिक दूरी का अनुपालन और लाभार्थियों द्वारा सुचारू रूप से पैसे निकालने के लिए सरकार ने खाते के आखिरी अंक के आधार पर भुगतान सारणी बनाई है। अधिकारियों ने बताया कि ये खाताधारक मासिक पेंशन और गरीबों को दिए जाने वाले अन्य लाभ के लिए भी योग्य होंगे।
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