न्यूज़ डेस्क : कोरोना वायरस महामारी के बीच भारत के शीर्ष सात शहरों में जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान आवासीय प्रॉपर्टी की बिक्री में 46 फीसदी की कमी आई और यह घटकर 29,520 इकाई रह गई। प्रॉपर्टी सलाहकार एनरॉक ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), कोलकाता, चेन्नई, बंगलूरू, हैदराबाद और पुणे में पिछले साल जुलाई-सितंबर में आवासीय प्रॉपर्टी की बिक्री 55,080 इकाई थी।
एनरॉक के अनुसार इस साल जनवरी से सितंबर के दौरान आवासीय प्रॉपर्टी की बिक्री 57 फीसदी घटकर 87,460 इकाई रह गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 2,02,200 इकाई थी। इस आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए एनरॉक के अध्यक्ष अनुज पुरी ने कहा कि जुलाई-सितंबर के दौरान बिक्री इससे पिछली तिमाही के मुकाबले दोगुनी हुई है, जब कुल बिक्री करीब 12,730 इकाई थी। एनरॉक ने बताया कि सभी छह शहरों में एक साल पहले के मुकाबले बिक्री घटी है।
मामले से जुड़े जानकारों के अनुसार, कोरोना काल में लोगों ने फिजिकल खर्ची के साथ ही अपनी अन्य जरूरतों पर भी विराम लगाया है। जो 2020 में खुद का मकान खरीदने वाले थे, वह इस साल या जब तक वैस्कीन नहीं आ जाती, तब तक किराए के मकान में ही गुजारा करेंगे।
इससे पहले एनरॉक ने कहा था कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इस साल देश के सात बड़े शहरों में घरों की बिक्री में 35 फीसदी की गिरावट आ सकती है। कंपनी ने एक रिपोर्ट में कहा था कि व्यावसायिक संपत्तियों की बिक्री पर भी इसका बड़ा असर देखने को मिल सकता है। रिपोर्ट के अनुसार पट्टे पर कार्यालय लिए जाने की गतिविधियों में 30 फीसदी तक की तथा खुदरा क्षेत्र में 64 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है।
तब अनुज पुरी ने कहा था कि, ‘नरम मांग तथा नकदी की खराब स्थिति से पहले से ही जूझ रहे भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र पर कोविड-19 के कारण भी प्रतिकूल असर देखने को मिल सकता है।’
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