नौसेना आर्किटेक्चर निदेशालय, एकीकृत मुख्यालय रक्षा मंत्रालय (नौसेना) द्वारा 04 से 05 अगस्त 2022 को मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान, नई दिल्ली में नौसेना के जहाजों और सहायक पोतों के लिए वर्गीकरण विनियम और उन्नत प्रौद्योगिकियों पर दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन का उद्देश्य स्वदेशी युद्धपोत निर्माण को बढ़ावा देना है। इस सम्मेलन का विषय ‘भविष्य के नौसेना जहाज- तकनीकी रूप से परिवर्तनकारी, आर्थिक रूप से व्यवहार्य और पर्यावरण की दृष्टि से सतत’ था। इस सम्मेलन का उद्देश्य भारतीय नौसेना द्वारा अनुसंधान और विकास के साथ-साथ गुणवत्ता आश्वासन और सर्वेक्षण के क्षेत्र में वर्गीकरण समितियों, भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल की विभिन्न शाखाओं, भारतीय शिपयार्ड, डीआरडीओ प्रयोगशालाओं, शिक्षाविदों आदि में समग्रता हासिल करना और नौसेना के जहाजों और सहायक पोतों के सर्वेक्षण/प्रमाणीकरण के लिए एक मंच प्रदान करना था।
सात प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय वर्गीकरण समितियों, यानी एबीएस, बीवी, क्लास-एनके, डीएनवी-जीएल, आईआरएस, एलआर और आरआईएनए के वरिष्ठ प्रतिनिधियों/विषय विशेषज्ञों ने इस सम्मेलन में भाग लिया, जिसमें क्लास सोसायटी द्वारा वर्गीकरण प्रक्रिया से लेकर 16 अनुसंधान पत्र प्रस्तुत किए गए जो नौसेना के जहाजों, सैन्य वर्ग के नोटेशन, समुद्री साइबर सुरक्षा, उन्नत डिजिटल प्रौद्योगिकी, नौसेना जहाज सिग्नेचर्स, स्वायत्त जहाजों के लिए नियम, नौसेना के जहाजों पर जैव सुरक्षा, प्रौद्योगिकी योग्यता, हाइब्रिड पावरिंग और नौसेना के जहाजों के डीकार्बोनाइजेशन आदि के बारे में थे। इसके अलावा, प्रश्नोत्तर सत्र में और इस सम्मेलन से हटकर भी प्रतिनिधियों ने नौसेना और अन्य सरकारी जहाजों के डिजाइन, निर्माण और रखरखाव से संबंधित विभिन्न अन्य तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की।
सम्मेलन का उद्घाटन वाइस एडमिरल संदीप नैथानी, चीफ ऑफ मैटेरियल, भारतीय नौसेना ने 04 अगस्त 22 को किया था और इस सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में 120 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें नौसेना मुख्यालय, नौसेना कमान, फील्ड यूनिट, तटरक्षक मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस सम्मेलन में छह डीपीएसयू शिपयार्ड, डीआरडीओ के वैज्ञानिक और शिक्षाविद भी उपस्थित हुए। समापन सत्र की अध्यक्षता 05 अगस्त 22 को भारतीय नौसेना के युद्धपोत उत्पादन और अधिग्रहण नियंत्रक वीएडीएम किरण देशमुख ने की।
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