वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में धूल नियंत्रण संबंधी उपायों की निगरानी के लिए एक मजबूत ऑनलाइन तंत्र को स्थापित करने का आदेश दिया
हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की राज्य सरकारों तथा जीएनसीटीडी को परियोजना के प्रस्तावकों द्वारा धूल नियंत्रण संबंधी उपायों के अनुपालन की निगरानी के लिए ‘वेब पोर्टल’ स्थापित करने का निर्देश दिया
एनसीआर के शहरी स्थानीय निकायों के तहत सभी परियोजनाओं को वेब पोर्टल पर पंजीकृत करना अनिवार्य
धूल की रोकथाम के उपायों की प्रभावी निगरानी के लिए वेब पोर्टल में रिमोट कनेक्टिविटी के साथ वीडियो फेंसिंग का प्रावधान शामिल किया जाएगा
परियोजना के प्रस्तावक परियोजना स्थलों पर विश्वसनीय और कम लागत वाले पीएम2.5 और पीएम10 सेंसर स्थापित करेंगे
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में निर्माण-कार्य एवं तोड़-फोड़ (सी एंड डी) संबंधी गतिविधियों से उत्पन्न होने वाले वायु प्रदूषण के स्तर को बढ़ने से रोकने और इसे नियंत्रित करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) समय-समय पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में निर्माण स्थल तथा तोड़-फोड़ वाले स्थानों पर धूल नियंत्रण संबंधी उपायों के अनुपालन की समीक्षा करेगा। सीएक्यूएम द्वारा परियोजना समर्थकों को धूल की रोकथाम के उपायों के अनुपालन की निगरानी के लिए वेब पोर्टल के माध्यम से एक ऑनलाइन तंत्र विकसित करने हेतु हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की राज्य सरकारों तथा जीएनसीटीडी को निर्देश जारी किए गए हैं।
निर्माण-कार्य और तोड़-फोड़ (विध्वंस) अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के सख्त कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए धूल नियंत्रण संबंधी उपायों की निगरानी हेतु एक मजबूत ऑनलाइन तंत्र को स्थापित करना एक अनिवार्य आवश्यकता है। सीएक्यूएम के निर्देशों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में शहरी स्थानीय निकायों के इलाकाई अधिकार क्षेत्र के तहत निर्माण-कार्य और तोड़-फोड़ की गतिविधियों से जुड़ी परियोजनाओं (प्लाट क्षेत्र पर 500 वर्ग मीटर के बराबर या उससे अधिक) को अनिवार्य रूप से वेब पोर्टल पर पंजीकृत करना होगा। इसके साथ ही परियोजना के प्रस्तावकों द्वारा धूल नियंत्रण संबंधी उपायों के अनुपालन की प्रभावी एवं चौबीसों घंटे निगरानी के लिए वेब पोर्टल में रिमोट कनेक्टिविटी तकनीक से लैस वीडियो फेंसिंग का प्रावधान शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, परियोजना समर्थकों को सी एंड डी परियोजना स्थलों पर विश्वसनीय एवं कम लागत वाले पीएम2.5 और पीएम10 सेंसर स्थापित करने की आवश्यकता है।
यह तकनीकी बदलाव, परियोजना के प्रस्तावकों को स्व-लेखा परीक्षा में मदद करने के साथ ही निर्धारित धूल नियंत्रण उपायों के अनुपालन को प्रमाणित करेगा, इसके अतिरिक्त यह सी एंड डी स्थलों पर धूल नियंत्रण संबंधी उपायों की निगरानी को भी मजबूत बनायेगा। परियोजना के प्रस्तावकों से यह भी अपेक्षा की जाती है कि वे पाक्षिक आधार पर स्व-घोषणा को अपलोड करें। इसके अलावा, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अन्य राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (एसपीसीबी) को परियोजना समर्थकों द्वारा धूल नियंत्रण संबंधी उपायों के अनुपालन की सख्ती से निगरानी करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
इस ऑनलाइन तंत्र के माध्यम से एनसीआर में धूल के नियंत्रण संबंधी उपायों के अनुपालन की निगरानी के लिए एक विस्तृत चेकलिस्ट इसका आधार बनेगी। धूल नियंत्रण/शमन उपायों की सूची में एंटी-स्मॉग गन, पानी की गोले, वाटर कैनन, पाइप से पानी डालना, फायर हाइड्रेंट, स्प्रिंकलर आदि का उपयोग करना शामिल है। सहयोगियों के लिए परियोजना स्थलों पर विश्वसनीय और किफायती पीएम2.5 और पीएम10 सेंसर स्थापित करना तथा उन्हें सीपीसीबी, सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ संबंधित प्रशासनिक विभागों की गतिविधियों की निगरानी के लिए लाइव डैशबोर्ड एक्सेसिबिलिटी के साथ एक प्लेटफॉर्म से जोड़ना अनिवार्य है।
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