लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मॉरीशस की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख आधार गन्ने की खेती और चीनी उद्योग है। इसमें भारतीय मूल के लोगों का ही योगदान है। शीघ्र ही वहां से विशेषज्ञों के एक प्रतिनिधिमंडल को यहां आमंत्रित कर उनसे गन्ने की खेती के उन्नत तौर-तरीकों और प्रजातियों की जानकारी ली जाएगी। इसके बाद यहां से भी विशेषज्ञों का प्रतिनिधिमंडल वहां जाएगा।
सरकारी आवास पर मीडिया से मॉरीशस यात्रा के अनुभवों को साझा करते हुए योगी ने कहा कि मॉरीशस सांस्कृतिक, सामरिक और आर्थिक लिहाज से भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। वहां की आबादी में करीब 68 फीसद लोग भारतीय मूल के हैं।
इनमें भी अधिकांश पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार के हैं। किसी अपने के पहुंचने पर इन लोगों का हौसला और अपनी जड़ों से जुड़ने की ललक बढ़ती है। लिहाजा समय-समय पर ऐसी यात्रएं होती रहनी चाहिए। मेरी यात्र भी इन्हीं संदर्भो में थी।
लघु भारत की झलक: योगी ने कहा कि प्रजातंत्र होने के नाते संख्या में अधिक होने के नाते वहां की सत्ता में भले भारतीयों की हिस्सेदारी ठीक हो, पर अर्थव्यवस्था पर अब भी फ्रांसीसी मूल के लोग प्रभावी हैं। वहां के गांव अब भी भारतीय गांवों के जैसे ही हैं। वहां के लोगों ने अपनी भोजपुरी भाषा, संस्कृति और परंपरा को मूल रूप में संजो रखा है। हर गांव के बाहर काली माई का चौरा, 108 फीट ऊंची मंगल महादेव और मां दुर्गा की प्रतिमा, गंगा तालाब, रामायण सेंटर, विश्व हिंदी सचिवालय, अप्रवासी घाट और उससे लगा संग्रहालय के नाते वह देश लघु भारत जैसा दिखता है।
सांस्कृतिक संबंधो का जरिया बनेगा काशी का अप्रवासी केंद्र: मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों देशों की मदद से काशी में बनने वाला अप्रवासी केंद्र और संग्रहालय सांस्कृतिक आदान-प्रदान का जरिया बनेगा। संग्रहालय में यहां से जाने वालों का समग्र इतिहास रहेगा। इसमें मॉरीशस के अलावा कोलकाता में उपलब्ध रिकार्डो की भी मदद ली जाएगी। इससे वहां से अपने गांव और पूर्वजों को जानने के लिए यहां आने वालों को सहूलियत होगी।
व्यापार का बड़ा केंद्र बन सकता है मारीशस: योगी ने कहा कि हिंदी महासागर में अपनी महत्वपूर्ण भौगालिक स्थिति के नाते मारीशस में विश्व व्यापार का बड़ा केंद्र बनने की पूरी संभावना है। इसमें भारत को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
News Source: jagran.com
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