लखनऊ। देश के पहले गृह मंत्री तथा लौह पुरुष के नाम से विख्यात सरदार वल्लभ भाई पटेल को आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नमन किया। आज मुख्यमंत्री ने लखनऊ में सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि कर उनकी 67वीं पुण्यतिथि पर उनको श्रद्धांजलि दी।
देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल ने आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बनते भारत को एक सूत्र में पिरोने का काम भी बखूबी किया। उसके बाद ही उन्हें लौह पुरुष भी कहा जाने लगा। पूरे देश में आज 15 लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 67वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है। लौह पुरुष के परिनिर्वाण दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने ट्वीट कर उन्हें याद किया तो उनकी प्रतिमा पर भी श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
लखनऊ में हजरतगंज स्थित पटेल प्रतिमा पर लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इस दौरान तमाम नेतागण और कार्यकर्ता मौजूद रहे। भारत को एक सूत्र में पिरोने का सरदार पटेल ने किया काम बता दें कि सरदार पटेल का जन्म जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नाडियाड में हुआ था।
उनके पिता झावेरभाई किसान थे और मां लाडबाई साधारण महिला थी। सरदार वल्लभ की प्रारंभिक शिक्षा करमसद में हुई। वल्लभाई पटेल का विवाह झबेरबा से हुआ। सरदार पटेल को उनके बड़े भाई ने बैरिस्टरी पढऩे के लिए भेजा। वहां से वे 1913 में भारत लौटे और फिर अहमदाबाद में उन्होंने वकालत करना शुरू किया। उसके बाद महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होंने भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लिया। स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी और भारत की आजादी के बाद देश के प्रथम गृह मंत्री व उप प्रधानमंत्री बने थे। बारदौली कस्बे में जोरदार व सशक्त सत्याग्रह करने के बाद उन्हें सरदार कहा जाने लगा और इस तरह वो सरदार पटेल बनें। आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बनते भारत को एक सूत्र में पिरोने का काम भी सरदार पटेल ने बखूबी किया और उसके बाद ही उन्हें लौह पुरुष भी कहा जाने लगा। उनका देहांत 15 दिसम्बर 1950 को हो गया था।
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