सीएम मनोहर लाल ने कहा, जाट आंदोलन में सरकार को अस्थिर करने की हुई थी साजिश

चंडीगढ़। हरियाणा में तीन सालों के दौरान हुई हिंसा के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विपक्षी दलों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने रामपाल प्रकरण, जाट आंदोलन और डेरा समर्थकों की हिंसा पर कांग्रेस व इनेलो को कठघरे में खड़ा किया। साथ ही कहा कि हिंसा की घटनाओं से वे बड़े आहत हैं। मनोहर लाल ने आरोप जड़ा कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान उनकी सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची गई थी।

पंचकूला में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि करौंथा आश्रम के संचालक रामपाल को कोर्ट में पेश करना चुनौती थी। कोर्ट के आदेश मानते हुए हमारी सरकार ने उसे अदालत में हाजिर किया। जाट आरक्षण आंदोलन में पूरी तरह से सियासत हावी रही। ऐसा कभी नहीं हुआ कि जाट आंदोलनकारी मुझसे बात करने के बाद संतुष्ट होकर चले जाएं और फिर भी आंदोलन खड़ा कर दें।

मुख्यमंत्री के अनुसार तब सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची गई थी और हिंसा प्रायोजित थी। साजिश का पता लगाने के लिए जस्टिस एसएन झा आयोग का गठन किया गया है। इसकी रिपोर्ट आने के बाद साजिश का पर्दाफाश हो जाएगा। रही आरक्षण आंदोलन की बात को जरूरतमंद लोगों का हक नहीं मरने दिया जाएगा।

मनोहर लाल ने डेरा समर्थकों पर हुई फायरिंग से जुड़े सवाल पर कहा कि गुरमीत राम रहीम को सीबीआई कोर्ट में पेश होना था। यह प्रकरण 1990 का है। यदि पिछली सरकारें ठीक से अमल करती तो आज यह स्थिति नहीं होती। फिर भी हमारी सरकार ने तीनों प्रकरण में कानून व्यवस्था को समय पर नियंत्रित किया है।

सरकार को 100 में से 100 नंबर

मुख्यमंत्री ने करीब 20 मिनट की फिल्म और 110 पेज की स्मारिका के जरिए अपने तीन साल के कामकाज का हिसाब किताब दिया। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहयोग से तैयार इस फिल्म को में सरकार के तीन साल के कार्यकाल को 100 में से 100 नंबर दिए गए। सीएम के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर और आडियो वीडियो सलाहकार राकी मित्तल का इस फिल्म को तैयार कराने में सहयोग रहा। राकी मित्तल के अनुसार अब हर गांव और शहर में यह फिल्म जाएगी।

News Source: jagran.com

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