स्वच्छ भारत मिशन- शहरी 2.0 के तहत अपशिष्ट उद्यमियों और स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहित करने की चुनौती
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के तहत स्वच्छ भारत मिशन- शहरी 2.0 (एसबीएम-यू 2.0) ने आज स्वच्छ प्रौद्योगिकी चैलेंज की शुरुआत की। यह चैलेंज भारत में अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्र की उद्यमशीलता क्षमता के उपयोग करने और स्वच्छ भारत मिशन- शहरी 2.0 के तहत उद्यम विकास के लिए एक सक्षम वातावरण को बढ़ावा देने की कोशिश करती है। माननीय प्रधानमंत्री के “आत्मनिर्भर भारत” के जोरदार आह्वाहन के अनुरूप, उस तरह की स्वदेशी और लागत प्रभावी प्रौद्योगिकियों की पहचान करने की जरूरत है, जिसका फिर से इस्तेमाल करना और इसके स्तर को आगे बढ़ाना आसान हो और जिसे शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) द्वारा एसबीएम-यू 2.0 के विभिन्न घटकों को जमीन पर लागू करने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।
पिछले कई वर्षों से मंत्रालय के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण के जरिए एसबीएम-यू विशेष रूप से नवाचारों और सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों को प्रोत्साहित करता रहा है। 2018 के बाद से 4,000 से अधिक नवाचारों और सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं की पहचान के साथ यह चलन वर्षों से आगे बढ़ रही है। 6 दिसंबर, 2021 से 15 जनवरी, 2022 तक चलने वाली स्वच्छ प्रौद्योगिकी चैलेंज विशेष रूप से चार विषयगत श्रेणियों में समाधान की खोज करेगी। इनमें (i) सामाजिक समावेशन (ii) शून्य ढेर (ठोस अपशिष्ट प्रबंधन) (iii) प्लास्टिक कचरा प्रबंधन और (iv) डिजिटल सक्षमता के जरिए पारदर्शिता शामिल हैं। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की संयुक्त सचिव और स्वच्छ भारत मिशन- शहरी की राष्ट्रीय मिशन निदेशक रूपा मिश्रा ने एक प्रस्तुति में इस चैलेंज के विवरण और तौर-तरीकों के बारे में विस्तार से बताया। इस चैंलेज को स्वच्छ सर्वेक्षण- 2022 के तहत ‘नागरिक जुड़ाव’ भाग के उप-घटक के रूप में डिजाइन किया गया है। यह चैलेंज न केवल स्टार्ट-अप्स बल्कि व्यक्तिगत उद्यमियों, शैक्षणिक संस्थानों, स्थानीय व्यवसायों, अनुसंधान व विकास संगठनों, एनजीओ और अन्य नागरिक समूहों से समाधान आमंत्रित करने का प्रयास करता है, जिससे शहर के प्रशासन को इस मिशन के परिचालन का कुशलतापूर्वक प्रबंधन करने में सहायता मिल सके। इस चैलेंज में शहरों की सक्रिय भागीदारी का सीधा असर स्वच्छ सर्वेक्षण- 2022 के ‘नागरिक जुड़ाव’ के घटक में उनके प्रदर्शन और इस तरह सर्वेक्षण में उनकी समग्र रैंकिंग पर होगा। मंत्रालय के स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार समारोह में देशभर से चार विषय क्षेत्र से संबंधित श्रेणियों में हर एक में शीर्ष तीन समाधानों को सम्मानित किया जाएगा। वहीं, बतौर अतिरिक्त प्रोत्साहन शीर्ष तीन राज्य स्तरीय समाधानों को संबंधित राज्य सरकारें नकद पुरस्कार से पुरस्कृत करेंगी।
जनवरी, 2022 में मंत्रालय स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए स्वच्छ प्रौद्योगिकी चैलेंज के विस्तार के रूप में एक स्वच्छता स्टार्ट-अप चैलेंज को भी शुरू करेगा। स्वच्छ प्रौद्योगिकी चैलेंज के तहत स्टार्ट-अप्स में से विजेता समाधानें एजेंस फ्रैन्काइज डी डेवलपमेंट (एएफडी) की सहभागिता से संचालित स्वच्छता स्टार्ट-अप चैलेंज में हिस्सा लेने के लिए पात्र होंगे। इस चैलेंज में विजेता प्रविष्टियों को फ्रेंच टेक समर्थित उद्भवन सहायता के एक वर्ष के साथ प्रति परियोजना 25 लाख रुपये की शुरुआती वित्त पोषण से पुरस्कृत किया जाएगा। फ्रेंच टेक, स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए फ्रांसीसी सरकार की पहल है।
इस चैलेंज को शुरू करने के अवसर पर मंत्रालय के सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा, “प्रौद्योगिकी ने भारत के शहरी परिदृश्य के बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रौद्योगिकी में वहनीय, मापनीय और अनुकरणीय नवाचार लाने की क्षमता है। यह न केवल मिशन को नागरिकों के नजदीक ले जा सकती है, बल्कि समयबद्ध और कुशलतापूर्वक कचरा मुक्त शहरों के सामूहिक लक्ष्य को प्राप्त करने में भी हमारी सहायता कर सकती है। आज स्वच्छ प्रौद्योगिकी चैलेंज की शुरुआत के साथ, मैं सभी राज्यों और शहरों से अनुरोध करता हूं कि वे एसबीएम-यू 2.0 के तहत स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन परिणामों को प्राप्त के लिए सभी हितधारकों के साथ सक्रिय रूप से जुड़कर इस चैलेंज में पूरे दिल से हिस्सा लें। इस अवसर पर एएफडी के उप-निदेशक श्री ऑगस्टिन डेलिसले भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में राज्यों के प्रधान सचिव व मिशन निदेशक और शहरों के नगर आयुक्तों सहित वरिष्ठ सरकारी प्रतिनिधियों ने वर्चुअल माध्यम के जरिए हिस्सा लिया।
1 अक्टूबर, 2021 को स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 को शुरू किया गया था। इसका लक्ष्य अगले पांच वर्षों में पुराने कचरे के ढेरों, निर्माण और ध्वस्त किए गए कचरे और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के उपचार के जरिए ‘कचरा मुक्त शहरों’ की सोच को प्राप्त करना है। इसके अतिरिक्त एसबीएम-यू 2.0 के तहत मलीय कीचड़ और उपयोग किए गए जल प्रबंधन के जरिए स्थायी स्वच्छता पर मुख्य रूप से ध्यान दिया जाएगा। बीते सात वर्षों में एसबीएम-यू की यात्रा के दौरान प्रौद्योगिकी ने कई प्रमुख पहलों के जरिए परिणामों को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन पहलों में स्वच्छता एप और गूगल मैप्स पर एसबीएम शौचालय की लोकेशन दिखना आदि शामिल हैं। हाल ही में, एसबीएम-यू 2.0 के तहत एकीकृत एसबीएम-शहरी एमआईएस पोर्टल स्वच्छतम और अत्याधुनिक जीआईएस प्लेटफॉर्म को शुरू किया गया था। यह न केवल इस मिशन को नागरिकों के नजदीक ले जाएगा, बल्कि मिशन के कार्यान्वयन में स्मार्ट डेटा संचालित निर्णय लेने, पारदर्शिता और सुदृढ़ीकरण को भी सक्षम करेगा। स्वच्छ प्रौद्योगिकी चैलेंज ‘कचरा मुक्त शहर’ के प्रधानमंत्री की सोच को साकार करने में सहायता करने के लिए नवाचारों से संबंधित वातावरण को प्रोत्साहित करके एसबीएम-यू 2.0 में स्मार्ट शासन सुनिश्चित करने की दिशा में एक और कदम है।
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