कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि तेल मंत्रालय अप्रत्याशित कर समीक्षा के प्रति इच्छुक है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अगस्त 2022 के पत्र के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रालय ने विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) की लेवी में बदलाव की मांग की है।
ये रिपोर्ट भ्रामक हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि 1 जुलाई, 2022 से एसएईडी की लेवी के साथ सरकार की पाक्षिक समीक्षा के तंत्र की घोषणा भी थी। एसएईडी लगाने के बाद से ऐसी छह समीक्षाएं पहले ही हो चुकी हैं। इस बीच, समय-समय पर, सरकार को लेवी के तौर-तरीकों, दरों, देयता के निर्धारण आदि के संबंध में स्पष्टीकरण के लिए आवेदन और अनुरोध प्राप्त हुए हैं। इसके लिए वित्त और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय सहित सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के बीच परामर्श और सूचनाओं के आदान-प्रदान की आवश्यकता होती है। ऐसे परामर्श एक सतत प्रक्रिया के तौर पर किए जाते हैं और अगली समीक्षाओं में सूचित करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
इसमें से एक छह सप्ताह पुराना है। किसी संदर्भ, पृष्ठभूमि या संवाद की जानकारी के बिना इस तरह के किसी भी संवाद को जानबूझकर लोगों के सामने रखने से, पहले या उसके बाद किए गए संवाद का एक भ्रामक प्रभाव होता है और इससे एक अधूरी तस्वीर सामने आती है। इस तरह की दुर्भावनापूर्ण रिपोर्टिंग पूरी तरह से अनावश्यक है और इस तरह की रिपोर्टिंग के पीछे के मकसद के बारे में संदेह उत्पन्न होता है।
अपनी प्रकृति द्वारा, एसएईडी (या विंडफॉल टैक्स, जैसा कि आमतौर पर कहा जाता है) एक गतिशील स्थिति में प्रत्युत्तर का संकेत देता है। इसके लिए पुनः मापन की आवश्यकता होती है और बाजार से प्राप्त किए गए इनपुट और फीडबैक के आधार पर इसका निर्धारण किया जाता है।
2022 में कच्चे तेल की कीमतों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव देखा गया है। इसके परिणामस्वरूप पेट्रोल पंपों पर अंतिम उपभोक्ताओं के लिए कीमतें बहुत अधिक हैं। दुनिया भर के देशों ने उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए विभिन्न उपायों को लागू किया है। “विंडफॉल टैक्स” उन उपायों में से एक है, जो स्थिति से निपटने में मदद करता है। इसकी प्रयोज्यता, संदर्भ अवधि, उपकर/कर/शुल्क की राशि की सीमा, कर देयता के मामले, समीक्षा के लिए प्रणाली ऐसे कर के अभिन्न हिस्से हैं।
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