नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने नागरिक उड्डयन सचिवों के सम्मेलन का आयोजन किया

केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग को प्रोत्साहन देकर उड्डयन क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए सम्मेलन आयोजित किया गया

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के नागरिक उड्डयन सचिवों के सम्मेलन का आयोजन किया। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में  आयोजितउद्घाटन सत्र की अध्यक्षता आज भारत सरकार के नागर विमानन मंत्रालय में सचिव श्री राजीव बंसल ने की।

इस सम्मेलन का उद्देश्य नागरिक उड्डयन क्षेत्र के विकास को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य नागरिक उड्डयन विभागों और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के बीच अधिक सहयोग और तालमेल को बढ़ावा देना है।

सम्मेलन नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव की उद्घाटन टिप्पणियों के साथ शुरू हुआ और इसके बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय (मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा), डीजीसीए द्वारा एक प्रस्तुति, बीसीएएस द्वारा एक प्रस्तुति के विभिन्न पहलों और कार्यक्रमों पर प्रस्तुतियां, कृषि उड़ान, विमानन सुरक्षा, हवाई अड्डों के विकास, ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों, हेली सेवा, जल हवाई अड्डा आदि पर प्रस्तुति, उड़ान के बारे में राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के साथ बातचीत, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के साथ अभिसरण के पहलुओं पर बातचीत, एफ़टीओ / आईजीआरयू / आरजीएनएयू पर प्रस्तुति, हेलीकाप्टरों/एचईएमएस पर प्रस्तुति, एमआरओ/एयर कार्गो और ड्रोन पर प्रस्तुतीकरण दिए गए।

अपने उद्घाटन भाषण में श्री राजीव बंसल ने कहा कि पिछले वर्ष उड्डयन क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि घरेलू हवाई यातायात लगभग कोविड से पहले के स्तर के करीब पहुँच गया है, कई नए हवाई अड्डों का उद्घाटन किया गया है और नए हवाई मार्ग शुरू किए गए हैं। श्री बंसल ने कहा कि ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत कदम, हेलीकॉप्टर चिकित्सा आपातकालीन सेवाएं और आंशिक स्वामित्व शुरू किए गए हैं। सचिव ने राज्यों से एटीएफ पर वैट कम करने का अनुरोध किया और उन राज्यों की सराहना की जिन्होंने इस बारे में पहले ही कार्रवाई की है।

विभिन्न प्रकार के हवाई अड्डों के लिए भूमि की आवश्यकता की सीमा, भूमि सौंपने के लंबित मामले, वैट जैसे कराधान संबंधी मुद्दे, एफटीओ, एमआरओ आदि को बढ़ावा देने के लिए कर प्रोत्साहन, राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों की नागरिक उड्डयन नीतियां जैसे बुनियादी ढांचे के समर्थन के विषय, राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों की नागरिक उड्डयन नीतियों और इसके घटकों को स्पष्ट करना, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, ओडिशा, पूर्वोत्तर क्षेत्र आदि जैसे राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना और अंतिम छोर तक संपर्क को बढ़ावा देने के बारे में सम्मेलन के दौरान चर्चा की गई।

 

नागरिक उड्डयन मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव, श्रीमती उषा पाधी, नागरिक उड्डयन मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्रीमती रुबीना अली, श्री अरुण कुमार, महानिदेशक, डीजीसीए, श्री जुल्फिकार हसन, डीजी, बीसीएएस, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सचिव / प्रभारी नागरिक उड्डयन और एमओसीए और राज्य के अन्य हितधारक इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

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