नई दिल्ली। चीन की एक सड़क बनाने वाली टीम अरुणाचल के तूतिंग इलाके में करीब एक किलोमीटर अंदर तक आ घुसी थी। भारतीय सेना ने चीनी टीम को वापस लौटने पर बाध्य किया। यह घटना 28 दिसंबर की बताई जा रही है। ताजा घुसपैठ से छह दिनों पहले 22 दिसंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अपने चीनी समकक्ष के साथ दिल्ली में 20वें दौर की सीमा वार्ता की थी।
बुधवार को सरकारी सूत्रों ने बताया कि चीन की सिविलियन टीम ट्रैक अलाइनमेंट के लिए आई थी। चीनी दल रोड बनाने में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न उपकरण भारतीय इलाके में ही छोड़ गए। एक ग्रामीण के मुताबिक, चीनी टीम में सिविलियन के अलावा वर्दीधारी सैनिक भी थे।
73 दिनों तक चले डोकलाम विवाद के खत्म होने के करीब चार माह बाद एक बार फिर चीन की तरफ से ऐसी घटना हुई है। भारतीय सीमा निगरानी दल ने चीन की टीम को तूतिंग इलाके में ट्रैक अलाइनमेंट करते पाया।
स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक, चीनी सैनिक सड़क बनवाने के काम में शामिल थे। भारतीय सुरक्षाबल ने उन्हें तूतिंग सबडिविजन बिसिंग गांव के पास ऐसा करते देखा। भारतीय सैनिकों ने चीनी टीम के रोड बनाने के उपकरण सीज कर लिए।
एक ग्रामीण ने बताया कि घटनास्थल से करीब 7-8 किमी के एरियल डिस्टेंस सियांग नदी के किनारे गेलिंग से भी रोड कटिंग साफ देखी जा सकती है। हाल ही में काटी गई सड़क पर भारतीय और चीनी सैनिकों ने अपने टेंट लगा दिए और बोल्डर की दीवार खड़ी कर दी। ग्रामीणों ने चीनी दल के घुसने की सूचना स्थानीय पुलिस जवान को दी। जवान ने बिशिंग में तैनात आईटीबीपी तक इसकी जानकारी पहुंचाई। चीनियों के पीछे हटने से इन्कार करने के बाद भारतीय सेना को हस्तक्षेप करना पड़ा।
घुसपैठ पर चीन ने चुप्पी साधी
बीजिंग : चीन ने कहा कि उसने कभी भी अरुणाचल प्रदेश का अस्तित्व स्वीकार नहीं किया है। उसने 28 दिसंबर के आसपास अरुणाचल प्रदेश में अपने सैनिकों की घुसपैठ पर चुप्पी साध ली। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने अरुणाचल में घुसपैठ की मीडिया की खबरों पर बुधवार को यह प्रतिक्रिया दी। गेंग ने कहा कि सीमा मसले पर हमारा रुख हमेशा से स्पष्ट और एक जैसा रहा है। हमने कभी तथाकथित अरुणाचल प्रदेश का अस्तित्व स्वीकार नहीं किया है। लेकिन आप जिस स्थिति (घुसपैठ) की बात कर रहे हैं, उसकी जानकारी नहीं है।
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