न्यूज़ डेस्क : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने मंगलवार को कहा कि राज्य की तीन राजधानियां हो सकती हैं। विकेंद्रीकरण के तहत ये सोच हकीकत बन सकती है। अभी तक तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद है, लेकिन अब आंध्र प्रदेश ने अपनी अगल राजधानी बनाने की घोषणा कर दी है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि आंध्र प्रदेश की तीन राजधानियां होंगी। ये तीन राजधानियां अलग-अलग काम करेगी। एग्जीक्यूटिव, ज्यूडिशियल और लेजिस्लेटिव कैपिटल के तौर पर तीन अलग-अलग शहरों को राजधानी बनाया जाएगा।
विधानसभा में राज्य की राजधानी के मुद्दे पर एक संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा राजधानी अमरावती विधान-संबंधी राजधानी (एग्जीक्यूटिव कैपिटल), विशाखापत्तनम कार्यकारी राजधानी (एग्जीक्यूटिव कैपिटल) और कुरनूल न्यायपालिका राजधानी (ज्यूडिशियल कैपिटल) बन सकती है।
उन्होंने कहा, हमारे पास तीन अलग-अलग राजधानियां हो सकती हैं। उनकी आवश्यकता है। हमें इस पर गंभीरता से विचार करना होगा। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर गौर करने के लिए जो विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है उसकी रिपोर्ट के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।
अगले कुछ दिनों में समिति की रिपोर्ट आने की उम्मीद है। यह संकेत देते हुए कहा कि सचिवालय और विभागों के प्रमुखों को विशाखापत्तनम में स्थानांतरित किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि बंदरगाह में आवश्यक सुविधाएं हैं।
जगन ने कहा, विशाखापत्तनम में सभी सुविधाएं हैं। केवल मेट्रो रेल की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अमरावती को पूर्ण विकसित शहर में बदलने के लिए कम से कम एक लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता है।
क्या है तीन राजधानी का कॉन्सेप्ट :
- एग्जीक्यूटिव राजधानी विशाखापत्तनम में राज्य का सचिवालय होगा और सभी विभागों के मुख्य कार्यालय होंगे। सभी नौकरशाह यहीं बैठेंगे और राज्य में शासन और प्रशासन का यह केंद्र होगा।
- ज्यूडिशियल राजधानी कुरनूल में न्यायपालिका से जुड़े काम होंगे यानि हाईकोर्ट यहां होगा। हालांकि ऐसी व्यवस्था कई और राज्यों में है जहां राज्य की राजधानी से हटकर अलग शहर में हाईकोर्ट है।
- लेजिस्लेटिव राजधानी अमरावती में विधानसभा होगी। यहां से जनता के चुने प्रतिनिधि पूरे राज्य पर नजर रखेंगे।
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