सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की वायुसेना के पास हवाई अभियानों के लिए 12 सक्रिय और इतनी ही संख्या में सैटेलाइट बेस हैं। उसकी वायुसेना अपनी ऑपरेशनल तैयारियों के लिए समय समय पर इन बेसों को सक्रिय करती रहती है। फरवरी 2019 में भारत के बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद उसने इनकी फ्रिक्वेंसी भी बढ़ा दी है।
सूत्रों का कहना है कि भारतीय एजेंसियां लगातार पाकिस्तान की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं क्योंकि उसके सभी बेस भारतीय रडारों और अन्य सिस्टमों की निगरानी में हैं। साथ ही एजेंसियां पाकिस्तान की वायुसेना के पूर्वी फ्रंट पर गतिविधियों पर नजर रखे हैं। यहां स्थित शम्सी एयर फील्ड को पाकिस्तान ने फिर से सक्रिय किया था, ताकि वह तालिबान को मदद कर सके।
उनका कहना है कि पाकिस्तान अमेरिका और अफगानिस्तान की नेशनल आर्मी के खिलाफ जंग में तालिबान की लंबे समय से मदद करता आ रहा है। पूर्व में अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सुरक्षा बल तालिबान और अलकायदा के खिलाफ हमलों के लिए शम्सी एयर फील्ड का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अमेरिकी हवाई हमले में पाकिस्तानी सेना के जवानों की मौत के बाद इस्लामाबाद ने इसे खाली करा लिया था।
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