केंद्र की पहल से दालों की कीमतों में गिरावट आई


तुअर/अरहर दाल के अखिल भारतीय थोक मूल्य में 2.87% की गिरावट दर्ज की गई

केंद्र ने निर्बाध आयात सुनिश्चित करने के लिए 15 मई, 2021 से ‘मुक्त श्रेणी’ के तहत तुअर, उड़द और मूंग के आयात की अनुमति दी

सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतों को स्थिर करने के लिए कई सक्रिय और दमदार उपाय किए हैं। इन उपायों के कारण तुअर/अरहर दाल की कीमतों में तेज गिरावट दर्ज की गई है।

उपभोक्ता कार्य विभाग (डीओसीए) के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, तुअर/अरहर दाल का औसत थोक मूल्य 22.02.2022 को 9255.88 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया जो 22.02.2021 को 9529.79 रुपये प्रति क्विंटल था, यानी थोक मूल्य में 2.87% की गिरावट।

इसी प्रकार, 21.02.2022 की रिपोर्ट के अनुसार तुअर/अरहर दाल का औसत थोक मूल्य 9252.17 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि 21.02.2021 को यह 9580.17 रुपये प्रति क्विंटल था यानी औसत थोक मूल्य में 3.42% की गिरावट।

मई 2021 में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतों की निगरानी करने और आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत मिल मालिकों, आयातकों और व्यापारियों द्वारा रखे गए दालों के स्टॉक का खुलासा सुनिश्चित करने के लिए सलाह जारी की गई थी। 02.07.2021 को मूंग को छोड़कर सभी दालों पर स्टॉक सीमा लागू करने की अधिसूचना जारी की गई थी। तत्पश्चात, 19.07.2021 को एक संशोधित आदेश जारी किया गया था, जिसमें चार दालों, अरहर, उड़द, मसूर, चना पर 31.10.2021 तक की अवधि के लिए स्टॉक सीमा निर्धारित की गई थी।

दालों की उपलब्धता में सुधार और इनकी कीमतों को स्थिर करने के लिए सरकार ने सुचारू और निर्बाध आयात सुनिश्चित करने के लिए 15 मई, 2021 से 31 अक्टूबर, 2021 तक ‘मुफ्त श्रेणी’ के तहत तुअर, उड़द और मूंग के आयात की अनुमति दी है। तत्पश्चात तुअर और उड़द के आयात के संबंध में इस मुफ्त व्यवस्था को 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दिया गया था। इस नीतिगत उपाय को संबंधित विभागों/संगठनों द्वारा इसके कार्यान्वयन की सुविधा उपायों और करीबी निगरानी के साथ समर्थन दिया गया है। आयात नीतिगत उपायों के परिणामस्वरूप पिछले दो वर्षों की इसी अवधि की तुलना में तुअर, उड़द और मूंग के आयात में पर्याप्त वृद्धि हुई है।

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