तिरुवनंतपुरम। 30 नवंबर को आए चक्रवाती तूफान ‘ओखी’ ने केरल और तमिलनाडु में भीषण तबाही मचाई, जिसका दर्द शायद ही वहां के लोग कभी भूला पाए। ‘ओखी’ तूफान से हुए नुकसान का आकलन करने मंगलवार को केंद्रीय दल केरल पहुंचा। केंद्रीय दल ने उन इलाकों का दौरा किया, जहां सबसे ज्यादा ओखी ने तबाही मचाई। बता दें कि 30 नबंवर को केरल और तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों ने चक्रवाती तूफान ओखी ने दस्तक दी, जिसके बाद ओखी विकराल रूप लेता चला गया। ओखी से ऐसी तबाही मचाई कि कई लोगों की जिंदगी उजाड़ दी, घरों को तबाह कर दिया।
लैटिन पादरियों के अनुसार ओखी तूफा में कुल 74 लोग मारे गए जबकि 250 से ज्यादा लोग लापता हैं। जिसका पता लगाने की कोशिशें की जा रही हैं। बता दें कि आपदा प्रबंधन विशेषों की टीम का नेतृत्व शीर्ष अधिकारी विपीन मलिक ने किया। जानकारी के मुताबिक मलिक दक्षिणी जिलों का दौरा करेंगे जबकि अन्य टीम एर्नाकुलम, त्रिशूर, मलप्पुरम जिले जैसे अन्य स्थानों पर होने वाले नुकसान का आकलन करने के लिए कोच्चि में होगी। एयरपोर्ट पर संवादादातओं से बातचीत में मलिक ने कहा, ‘ओखी से हुए नुकसान के आकलन के लिए हम चारों ओर जा रहे हैं। जिसके बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी।’
बता दें कि पिछले हफ्ते अपनी केरल यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओखी से प्रभावित मछुआरों के समुदाय और केरल सरकार को शीघ्र राहत और पुनर्वास सहायता का आश्वासन दिया था। वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने पीड़ित मछुआरों के लिए 7,340 करोड़ रुपए का राहत पैकेज मांगा है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मछुआरों के पीड़ितों को कम करने के लिए 7,340 करोड़ रुपये का राहत पैकेज मांगा है। इसमें मृतकों के लिए मुआवजा, स्थायी रूप से विकलांगों की सहायता और चोटिल लोगों की मदद, घरों का निर्माण, शैक्षणिक सहायता, राज्य में मछुआरों के लिए समग्र राहत के लिए ऋण और अन्य प्रकार की मदद शामिल है।
इससे पहले केंद्रीय दल को नुकसान के आकलन के लिए तब आना पड़ा था जब सुनामी ने यहां दस्तक दी थी। 13 साल पहले आए सुनामी में 13 साल पहले आए सुनामी के दुर्भाग्यपूर्ण दिन पर बुलानी पड़ी थी, जिसमें कोल्लम और आलप्पुझा जिले में 172 लोग मारे गए थे।
Comments are closed.