सीएसआईआर-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला को संसद के एक अधिनियम द्वारा राष्ट्रीय माप मानकों का संरक्षण प्रदान किया गया है और यह देश में एसआई इकाइयों को जांच-परख की क्षमता प्रदान करता है। सीएसआईआर- राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला, नई दिल्ली द्वारा मेट्रोलॉजी सोसाइटी ऑफ इंडिया (एमएसआई) के सहयोग से 20 मई 2022 को 20 मई 1875 को मीटर कन्वेंशन पर हुए हस्ताक्षर की वर्षगांठ मनाने के लिए विश्व मेट्रोलॉजी दिवस का आयोजन किया गया। विश्व मेट्रोलॉजी दिवस 2022 का विषय “डिजिटल युग में मेट्रोलॉजी” था, जिसकी घोषणा इंटरनेशनल ब्यूरो ऑफ वेट एंड मेजर्स (बीआईपीएम) और इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ लीगल मेट्रोलॉजी (ओआईएमएल) द्वारा संयुक्त रूप से की गई थी।
डिजिटल सूचना प्रौद्योगिकी का खुला और पारदर्शी आदान-प्रदान करने के लिए डिजिटल माप तंत्र और आवश्यकताओं की प्रस्तुति करने के लिए इस विषय को चुना गया था, जिससे वैज्ञानिक समुदाय में क्रांति, प्रक्रियाओं में सुधार और नई डिजिटल पहलों के माध्यम से मेट्रोलॉजी में नए अवसरों के लिए रास्ता बनाया जा सके।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ डी. के. असवाल, निदेशक, स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण, ने प्रो. ए. के. ग्रोवर, अध्यक्ष सीएसआईआर-एनपीएल अनुसंधान परिषद, प्रो. वेणुगोपाल अचंता, निदेशक, सीएसआईआर-एनपीएल और डॉ. संजय यादव, उपाध्यक्ष, एमएसआई के साथ किया। इस कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. वेणुगोपाल अचंता के स्वागत भाषण से हुई। प्रो. ए. के. ग्रोवर ने इस समारोह को संबोधित किया और एनएमआई के रूप में मेट्रोलॉजी तथा एनपीएल की भूमिका के महत्व के बारे में बताया। डॉ. संजय यादव ने एमएसआई के विजन और मिशन के बारे में बताया, साथ ही पिछले एक वर्ष में आयोजित की गई इसकी गतिविधियों के बारे में भी बताया। डॉ. डी. के. असवाल ने मुख्य भाषण दिया और मेट्रोलॉजी में डिजिटल परिवर्तन तथा भारत में गुणवत्ता अवसंरचना पर इसके प्रभाव पर बल दिया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि एनपीएल को उपयोगकर्ताओं के लिए प्रमाणित समय प्रसार पर काम करना चाहिए क्योंकि संपूर्ण डिजिटल अवसंरचना की सुरक्षित साइबर कार्यक्षमता सटीक टाइम मुद्रांकन पर निर्भर करती है।
इस अवसर पर, गणमान्य व्यक्तियों द्वारा विश्व मेट्रोलॉजी दिवस पोस्टर को जारी किया गया। तीन भारतीय निर्देशक द्रव्य (बीएनडी®) अर्थात गैस के लिए बीएनडी 6019, सोने के मिश्र धातुओं के लिए बीएनडी 4203 और बीएनडी 4204 भी जारी किए गए। इस कार्यक्रम के दौरान भारत के पहले रोबोटिक मास कंपरेटर का भी उद्घाटन किया गया। रोबोटिक मास कंपरेटर एक अनूठी और अत्याधुनिक सुविधा है जो बड़े पैमाने पर मौलिक अनुसंधान और अत्यधिक सटीक स्वचालित माप दोनों की पूर्ति करता है। ऑटोमेशन मैनुअल हैंडलिंग जोखिमों का संभावित उन्मूलन करने में मदद करेगा और इसमें महत्वपूर्ण कमी लाएगा तथा वजन की जांच में उच्चतम स्तर की सटीकता भी सुनिश्चित करेगा। यह पूरे देश में वैज्ञानिकों, मेट्रोलोजिस्टों, उद्योगों और सभी हितधारकों के लिए कई तरह के लाभ लेकर आता है।
डॉ. रंजना मेहरोत्रा, उपाध्यक्ष, एमएसआई ने एक तकनीकी सत्र की अध्यक्षता की। पहला भाषण डॉ. डेनियल हट्सचेंरेउटर, पीटीबी, ब्राउनश्वेग, जर्मनी द्वारा “डिजिटल परिवर्तन के लिए मेट्रोलॉजी” विषय पर दिया गया। सत्र का दूसरा भाषण प्रोफेसर. सी. जे त्साई, पर्यावरण इंजीनियरिंग संस्थान, एमवाईएमसीटी विश्वविद्यालय, ताइवान द्वारा “क्यूए/ क्यूसी ऑफ स्टैंडर्ड पीएम मॉनिटर एंड स्मार्ट एयर सेंसर” विषय पर दिया गया। इस कार्यक्रम का समापन डॉ. एस. के जायसवाल, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-एनपीएल के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
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