प्रद्युम्न हत्याकांड: अशोक व हरपाल को आमने-सामने बैठाकर हुई पूछताछ

गुरुग्राम । प्रद्युम्न हत्याकांड की जांच रविवार को सीबीआइ की टीम ने क्राइम सीन को रि-क्रिएट कर की। हत्या के आरोपी बस सहायक अशोक एवं चश्मदीद माली हरपाल को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद आरोपी अशोक को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

रविवार को सुबह लगभग साढ़े दस बजे ही सीबीआइ की टीम पहुंच गई थी। अधिकारियों की टीम के साथ ही फोरेंसिक लैब की टीम भी पहुंची थी। जिस तरह आठ सितंबर को जिस समय प्रद्युम्न की हत्या की गई थी, उसी के मुताबिक पूरी घटना की जांच रि-क्रिएट कर की गई। इसके बाद अशोक एवं हरपाल को आमने-सामने करके पूछताछ की गई।

आठ सितंबर की सुबह सात बजकर 50 मिनट पर प्रद्युम्न स्कूल पहुंचा था। आठ बजकर 10 मिनट से पहले ही उसकी हत्या गला रेतकर कर दी गई थी। एसआइटी की पूछताछ में माली ने बयान दिया था कि उसने लहूलुहान हालत में प्रद्युम्न को गोद उठाने से पहले अशोक के कपड़े पर खून के निशान नहीं देखे थे। घटना के चश्मदीद दो बच्चों ने भी बाथरूम में अशोक को देखने की बात कही है लेकिन हत्या करते हुए देखते की बात नहीं कही है। इस वजह से हत्या के पीछे किसी और के होने का शक है।

सीबीआइ की जांच से भी यही प्रतीत होता है कि वह भी फिलहाल केवल अशोक को आरोपी मानकर नहीं चल रही है। अशोक के वकील ने कहा है कि अशोक ने पुलिस के दबाव में हत्या करने की बात स्वीकार कर ली। इसके लिए उसे काफी प्रताडि़त किया गया।

स्कूल के अधिकारियों को किया जाएगा पेश

सीबीआइ, स्कूल के रीजनल हेड फ्रांसिस थॉमस एवं एचआर हेड ज्यूस थॉमस से पूछताछ कर रही है। दोनों को सोमवार अदालत में पेश किया जाएगा। दोनों स्कूल में बरती गई लापरवाही के आरोप में गिरफ्तार हैं।

अभिभावकों की इच्छा पूरे सत्र स्कूल चलाए प्रशासन

प्रद्युम्न की हत्या के बाद एक दिन खुलने के बाद बंद हुआ रेयान इंटरनेशनल स्कूल सोमवार को फिर से खुलने जा रहा है। स्कूल प्रशासक एवं उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने शनिवार को अभिभावकों के साथ बैठक कर घटना के बाद किए गए सुरक्षा इंतजाम की जानकारी दी। लेकिन कई अभिभावक प्रशासक की बात से सहमत नहीं दिखे। उनका कहना था कि तीन माह बाद स्कूल का प्रबंध कार्य फिर से स्कूल प्रबंधन को दिया जा सकता है। उन्हें अब स्कूल प्रबंधन पर एतबार नहीं है। स्कूल प्रशासक की जिम्मेदारी पूरे शैक्षिक सत्र तक उपायुक्त को अपने पास रखनी चाहिए। वहीं उपायुक्त ने कहा कि उन्हें सरकार ने तीन माह की जिम्मेदारी दी है। आगे भी फैसला सरकार को ही करना है।

आठ सितंबर को छात्र सुरक्षा दिवस मनाने का प्रस्ताव

प्रद्युम्न की आत्मा की शांति के लिए रविवार को नया गांव स्थित मंदिर परिसर में हवन का आयोजन किया गया। इसके बाद आयोजित श्रद्धांजलि सभा में अधिवक्ता गोविंद नारायण ने प्रस्ताव रखा कि आठ सितंबर को केंद्र सरकार न केवल प्रद्युम्न का बलिदान दिवस घोषित करे बल्कि हर साल बलिदान दिवस को छात्र सुरक्षा दिवस के रूप मनाया जाए। छात्र सुरक्षा दिवस सभी को सुरक्षा के प्रति जागरूकता के लिए प्रेरित करेगा।

News Source: jagran.com

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