मुंबई : दोपहिया वाहनों को खरीदने वालों को उनकी कीमत का करीब 10 फीसदी सिर्फ इन्श्योरेंस प्रीमियम के तौर पर चुकाना पड़ रहा है। इसी तरह कार खरीदने वालों को भी इन्श्योरेंस पर पिछले महीने के मुकाबले ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ रही है।
यह हाल ही में आए कोर्ट के 2 फैसलों का असर है। अदालती आदेश से थर्ड पार्टी इन्श्योरेंस कवर अनिवार्य हो गया है। इसके अलावा कोर्ट ने गाड़ी मालिकों के लिए 15 लाख रुपए का पर्सनल एक्सीडेंट कवर भी जरूरी कर दिया है।
लांग टर्म प्रीमियम पेमेंट्स की वजह से नई गाड़ियों की कीमत बढ़ गई है।
अब अगर कोई दोपहिया गाड़ी खरीदने जा रहा है तो उसके लिए पांच साल के लिए थर्ड पार्टी इन्श्योरेंस कवर लेना अनिवार्य है। इसके अलावा उसे एनुअल पर्सनल एक्सीडेंट कवर भी लेना होगा। इस वजह से दोपहिया गाड़ी के दाम के करीब 10 फीसदी तक इन्श्योरेंस प्रीमियम के तौर पर जमा करना पड़ रहा है।
उदाहरण के तौर पर अगर किसी 150 सीसी की बाइक की कीमत 75,000 रुपए है तो उसका इन्श्योरेंस प्रीमियम 7,600 रुपए होगा। बात अगर कारों की करें तो खरीददार को तीन साल के लिए थर्ड पार्टी इन्श्योरेंस लेना अनिवार्य है।
इसके अलावा उसे पर्सनल एक्सीडेंट कवर के लिए 750 रुपए अतिरिक्त खर्च करने पड़ेंगे। 1000 सीसी से ज्यादा क्षमता के इंजन वाली कारों के खरीदारों को इन्श्योरेंस के लिए करीब 20,000 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। सितंबर तक इसके लिए करीब 10,000 रुपए खर्च करने पड़ते थे।
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