BJP जीती तो दिल्ली में किसे बनाएगी मुख्यमंत्री? इन 3 फॉर्मूलों से तय होगा नाम

नई दिल्ली, 07 फरवरी। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे अब कुछ ही दिनों में सामने आने वाले हैं और सियासी गलियारों में यह सवाल जोर पकड़ रहा है कि अगर भारतीय जनता पार्टी (BJP) चुनाव जीतती है, तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा? बीजेपी आमतौर पर मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा चुनाव से पहले नहीं करती और चुनाव जीतने के बाद शीर्ष नेतृत्व की राय के अनुसार नाम तय किया जाता है। दिल्ली में भी यही रणनीति अपनाई जा रही है, लेकिन पार्टी के अंदर तीन फॉर्मूले इस फैसले को तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

फॉर्मूला 1: केंद्रीय नेतृत्व का फैसला

बीजेपी का हाईकमान आमतौर पर मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम मुहर लगाता है। दिल्ली की कमान किसी अनुभवी नेता को सौंपी जा सकती है, जो संगठन में मजबूत पकड़ रखता हो और दिल्ली के मुद्दों को समझता हो। अगर पार्टी इस फॉर्मूले पर चलती है, तो कोई बड़ा चेहरा, जो पहले से केंद्र सरकार या संगठन में सक्रिय भूमिका निभा रहा है, मुख्यमंत्री बन सकता है

फॉर्मूला 2: स्थानीय और लोकप्रिय चेहरा

अगर बीजेपी दिल्ली में किसी लोकप्रिय और स्थानीय नेता को आगे लाने का फैसला करती है, तो ऐसे नेताओं को मौका मिल सकता है, जो जनता के बीच मजबूत पकड़ रखते हैं।

  • मनोज तिवारी: भोजपुरी स्टार और उत्तर भारतीय मतदाताओं के बीच मजबूत पकड़।
  • विजेंद्र गुप्ता: पूर्व दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष और अनुभवी नेता।
  • रामवीर सिंह बिधूड़ी: वर्तमान में दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता।
फॉर्मूला 3: जातीय और सामाजिक संतुलन

दिल्ली में जातीय समीकरण भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगर बीजेपी किसी खास जातीय समूह को साधने की कोशिश करती है, तो मुख्यमंत्री पद के लिए किसी वैश्य, पंजाबी, गुर्जर या पूर्वांचली समाज के नेता को प्राथमिकता मिल सकती है।

  • अगर बीजेपी व्यापारी वर्ग को साधना चाहती है, तो वैश्य समाज से आने वाले नेता को चुना जा सकता है
  • उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासी मतदाताओं को लुभाने के लिए पूर्वांचली चेहरे को तरजीह दी जा सकती है
  • पंजाबी या गुर्जर समुदाय से किसी नेता को आगे लाकर स्थानीय मतदाताओं को साधने की कोशिश हो सकती है
निष्कर्ष

अगर बीजेपी दिल्ली में जीत दर्ज करती है, तो मुख्यमंत्री के नाम पर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व, संगठन की रणनीति और जातीय समीकरण तीनों कारक अहम भूमिका निभाएंगे। अब देखना दिलचस्प होगा कि 8 फरवरी को जब नतीजे आएंगे, तो दिल्ली की गद्दी पर कौन बैठेगा?

Leave A Reply

Your email address will not be published.