नई दिल्ली । व्यवसायों की ओर से “गलत या धोखाधड़ी वाले” टैक्स क्रेडिट की जांच के लिए सीबीईसी ने ऐसे 50,000 करदाताओं के जीएसटी ट्रांजिशनल क्रेडिट क्लेम को वेरिफाई करने का निर्णय किया है, जिसकी राशि 25 लाख की सीमा को पार कर गई है।
एक सूत्र ने बताया कि अतार्किक ट्रांजिशनल क्रेडिट क्लेम का सत्यापन (वेरिफिकेशन) चार चरणों में किया जाएगा। साथ ही उसने यह भी बताया कि क्रेडिट सत्यापन वित्त वर्ष 2018-19 में भी फोकस क्षेत्रों में से एक रहेगा। पिछली जुलाई में ट्रांजिशन के हिस्से के रुप में टैक्स पेयर्स को ट्रैन-1 फॉर्म भरने और जीसटी पूर्व अपने पिछले रिटर्न में घोषित किए गए क्रेडिट के क्लोजिंग बैलेंस के आधार पर टैक्स क्रेडिट का लाभ लेने का मौका दिया गया था।
गलत ट्रांजिशनल क्रेडिट क्लेम का सत्यापन करने की प्रक्रिया में सीबीईसी ने क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ 50,000 करदाताओं की सूची साझा की है जिनके दावों की और जांच की जाएगी। सूत्र ने बताया कि यह संदिग्ध है कि इनमें से कुछ व्यवसायों ने सिर्फ इसलिए जीएसटी के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन करवाया हो ताकि वो ट्रांजिशनल क्रेडिट बेनिफिट के लिए क्लेम कर सकें।
इस प्रक्रिया के पहले चरण में टैक्स ऑफिसर उन ट्रांजिशनल क्रेडिट क्लेम का सत्यापन करेंगे जहां ग्रोथ 25 फीसद से ज्यादा की रही है या फिर प्राप्त किया गया क्रेडिट 25 लाख रुपए से ज्यादा है। यह वेरिफिकेशन प्रक्रिया जून में पूरी की जाएगी और इस संबंध में एक स्टेट्स रिपोर्ट 10 जुलाई तक सीबीईसी को सौपी जाएगी।
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