25 अक्टूबर, 2021 को विशिष्ट इस्पात के लिए पीएलआई योजना पर संगोष्ठी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विशिष्ट इस्पात के लिए उत्पादन संबंधित प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है जिसे 29 जुलाई 2021 को अधिसूचित किया गया था। अधिसूचना के बाद, इस्पात मंत्रालय ने उद्योग के साथ परामर्श किया। प्राप्त फीडबैक के आधार पर तथा पूर्व में अधिसूचित योजना के आधार पर योजना को क्रियान्वित करने के नियम दिशा-निर्देशों के रूप में तैयार किये गये हैं।
पीएलआई योजना के प्रभावी संचालन और सुचारू कार्यान्वयन के लिए दिशा-निर्देश 20 अक्टूबर 2021 को इस्पात मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी किए गए। दिशानिर्देश योजना के परिचालन पहलुओं जैसे आवेदन, पात्रता, प्रोत्साहन के वितरण आदि पर स्पष्टता प्रदान करते हैं। दिशा-निर्देशों के लिए लिंक:-https://steel.gov.in/sites/default/files/Scheme%20Guidelines_Final_Upload.pdf
उम्मीद है कि 2026-27 के अंत तक विशिष्ट इस्पात का उत्पादन 4.2 करोड़ टन हो जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि देश में लगभग 2.5 लाख करोड़ मूल्य के विशिष्ट इस्पात का उत्पादन और उपभोग किया जाएगा जो अन्यथा आयात किया जाता। इसी तरह, विशिष्ट इस्पात का निर्यात लगभग 55 लाख टन हो जाएगा, जबकि मौजूदा निर्यात 17 लाख का है। विशिष्ट इस्पात क्षेत्र को 33,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा मिल रही है।
इस योजना का लाभ दोनों बड़ी कंपनियों यानी एकीकृत इस्पात संयंत्रों और छोटी कंपनियों (छोटे दर्जे की इस्पात कंपनियों) को मिलेगा।
विशिष्ट इस्पात मूल्यवर्धित इस्पात है जिसमें सामान्य रूप से तैयार इस्पात को कोटिंग, प्लेटिंग, हीट ट्रीटमेंट आदि के माध्यम से उच्च मूल्यवर्धित इस्पात में बदलने का काम किया जाता है, जिसका उपयोग वाहन क्षेत्र, विशेष पूंजीगत सामान आदि के अलावा रक्षा, अंतरिक्ष, बिजली जैसे विभिन्न रणनीतिक अनुप्रयोगों वाले क्षेत्रों में किया जा सकता है।
पीएलआई योजना के तहत चुनी गई विशिष्ट इस्पात की पांच श्रेणियां हैं:
1. लेपित/परतदार इस्पात उत्पाद
2. उच्च शक्ति / टूट फुट प्रतिरोधी इस्पात
3. विशेष रेल इस्पात
4. मिश्र धातु वाले इस्पात उत्पाद और इस्पात के तार
5. विद्युतीय इस्पात
25 अक्टूबर 2021 को डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली में केंद्रीय इस्पात मंत्री श्री रामचंद्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व में उद्योग जगत के लोगों के साथ एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य योजना पर विस्तृत चर्चा करना है। इस कार्यक्रम में उद्योग और उद्योग निकायों के प्रमुख भाग लेंगे।
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