नई दिल्ली। सोमवार सुबह द्वारका सेक्टर-9 स्थित अपने आवास से रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा (एलाइड सर्विसेज) में कार्यरत जितेंद्र कुमार झा का क्षत-विक्षत शव मिला है।जितेंद्र कुमार झा का शव दिल्ली के पालम में रेलवे पटरियों पर मिला है।
अधिकारी जितेंद्र कुमार झा करीब तीन दिन से लापते थे। पुलिस ने आज बताया कि इंडियन सिविल अकाउंट्स सर्विस के अधिकारी जितेंद्र कुमार झा गत सोमवार को द्वारका से तब लापता हो गये थे जब वह सुबह की सैर के लिए निकले थे।
पुलिस ने बताया कि अधिकारी का शव कल पालम में रेल पटरियों पर मिला. पुलिस ने शुक्रवार को शव की पहचान की। प्रथम दृष्टया यह लगता है कि उन्होंने आत्महत्या की।
अब पुलिस ने बताया कि अधिकारी की जेब से एक कथित सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि उनकी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। 1998 बैच के अधिकारी झा वर्तमान में मानव संसाधन विकास मंत्रालय में तैनात थे।
इस प्रकरण में नई बात यह सामने आई है कि जितेंद्र का चार वर्ष में छह बार तबादला हो चुका था। इस कारण वे मानसिक रूप से परेशान रहने लगे थे। अभी वे मानव संसाधन विकास मंत्रालय में बतौर फाइनेंसियल एडवाइजर काम कर रहे थे।
जितेंद्र कुमार झा के परिजनों ने बताया कि मेरा किसी पर शक नहीं जा रहा है। ज्यादा तबादला होने की वजह से जीतेंद्र परेशान रहते थे। वे गृह मंत्रालय में कार्य करने के दौरान सीआरपीएफ व एसपीजी में वित्तीय अनियमितता को लेकर कई बार सवाल उठा चुके थे।
ऐसे में उनके गायब होने के पीछे यह भी कारण हो सकता है। परिजनों ने कहा कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। जितेंद्र के घर पर बुधवार शाम को एचआरडी मंत्रलय से वरिष्ठ अधिकारी आए थे। उधर, पुलिस इलाके के सभी सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है।
जितेंद्र के घर से पांच सौ मीटर की दूरी पर स्थित आइटीएल पब्लिक स्कूल के सामने लगे सीसीटीवी कैमरे में वे सोमवार को 10 बजकर 9 मिनट पर जाते दिखाई दे रहे हैं।
ठीक इसके छह मिनट बाद वे बारकोड रेस्तरां के सामने लगे सीसीटीवी कैमरे में दिखाई दे रहे थे। इस दौरान उनके चेहरे का भाव बिल्कुल सामान्य दिख रहा था। पुलिस व परिजनों ने इलाके के सभी होटलों में जाकर उनकी तलाश की, लेकिन अब तक उनके बारे में कुछ पता नहीं चल पाया था।
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