न्यूज़ डेस्क : भारतीय जनता पार्टी (BJP) की बंगाल इकाई ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय संगठनात्मक बैठक बुलाई, जिसमें पार्टी नेताओं को शारीरिक रूप से उपस्थित होना आवश्यक था। हालांकि, मुकुल रॉय, शमिक भट्टाचार्य और राजीव बनर्जी जैसे दिग्गजों की अनुपस्थिति से बंगाल की सियासत गरमा गई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने इस मामले पर कहा कि महत्वपूर्ण बैठक में वरिष्ठ नेताओं की अनुपस्थिति चिंता का विषय नहीं है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय बैठक में नहीं आ सके क्योंकि उनकी पत्नी की तबीयत खराब है। प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य के पिता का निधन हो गया है। तृणमूल कांग्रेस के मंत्री से भाजपा नेता बने राजीव बनर्जी निजी कारणों से बैठक में शामिल नहीं हो सके।
बंगाल में इन दिनों कई नेता तृणमूल कांग्रेस छोड़ने और भाजपा में शामिल होने पर खेद व्यक्त कर रहे हैं। ऐसे समय में पार्टी के इन प्रभावशाली नेताओं के बैठक में शामिल नहीं होने से अटकलबाजी तेज हो चुकी है। आपको बता दें कि पिछले सप्ताह के अंत में मुकुल रॉय के बेटे सुभ्रांशु रॉय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उनकी “जरूरत की घड़ी” में उनके परिवार तक पहुंचने के लिए धन्यवाद देने के लिए फेसबुक का सहारा लिया था। रॉय 2017 में पार्टी छोड़ने से पहले टीएमसी के संस्थापक सदस्य थे। राजीव बनर्जी ने इस साल जनवरी में टीएमसी से बीजेपी में शामिल हुए थे और भगवा पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने हाल ही में संकेत दिया था कि कुछ भाजपा नेता उनकी पार्टी में शामिल होने की संभावना तलाशने के लिए संपर्क में थे। भाजपा सांसद अर्जुन सिंह ने हालांकि ममता बनर्जी के भतीजे की टिप्पणी को ‘बचकाना बयान‘ करार दिया था। उन्होंने कहा कि बंगाल इकाई की एक दिन की बैठक आने वाले महीनों के लिए पार्टी का एजेंडा तय करने के लिए थी। चुनाव के बाद “राज्य प्रायोजित” हिंसा के मामले पर विस्तार से चर्चा हुई। पार्टी कार्यकर्ताओं को उनके घर लौटने और मुआवजे के लिए अदालत जाने की चुनौतियों पर भी विचार-विमर्श किया गया।
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