माले । मालदीव में राजनीतिक संकट के बाद से भारत के लिए सुरक्षा चुनौतियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। पिछले माह वर्क परमिट और तोहफे में दिए हैलीकॉप्टर लौटा कर भारत को झटका देने के बाद अब इस सप्ताह मालदीव ने पाकिस्तान के साथ पावर डील करके भारत के लिए एक बार फिर असहज स्थिति पैदा कर दी है।
मालदीव ने पाकिस्तान के साथ पावर सेक्टर में मजबूत क्षमता वाली बिल्डिंग निर्माण के लिए करार किया है। मालदीव के स्टेट इलेक्ट्रिसिटी कंपनी स्टेलको के प्रतिनिधियों ने पिछले सप्ताह पाकिस्तान जाकर एमओयू पर हस्ताक्षर किए। मालदीव ने भारतीयों के लिए वर्क परमिट देना बंद कर दिया है
और भारत के सहयोग से होने वाली परियोजनाओं को पूरा करने में भी इरादतन देरी कर रहा है, ऐसे समय में पाकिस्तान के साथ करार नई दिल्ली के लिए चिंता की बड़ी वजह बन गया है। मालदीव में भारत के सहयोग से एक पुलिस अकादमी का भी निर्माण हो रहा है, लेकिन मालदीव सरकार उसमें भी जानबूझ कर देरी कर रही है।
मालदीव में मौजूद भारतीय अधिकारियों का मानना है कि ये संकेत स्पष्ट इशारा करते हैं कि मालदीव अपने यहां भारत का प्रभाव कम करना चाहता है। भारतीय अधिकारी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि जब स्टेलको के ज्यादातर प्रॉजेक्ट चीन की सहायता से ही पूरे हो रहे हैं,
तो पाकिस्तान के साथ अलग से करार कर मालदीव सरकार भारत को संदेश देना चाहता है। एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने बताया पाकिस्तान की आर्थिक हालत देखते हुए कहा जा सकता है कि वह मालदीव की बहुत मदद करने की स्थिति में नहीं है। राष्ट्रपति यामीन का प्रयास है कि मालदीव में भारत के प्रभाव को कम से कम रखा जाए। वह मालदीव को भारत के प्रभाव और नई दिल्ली की निकटता दोनों से ही दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं।
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