भारत बायोटेक को 2-18 वर्ष की आयु वर्ग के टीके के लिए, दो और तीन चरण के परीक्षण की मिली मंजूरी

न्यूज़ डेस्क : कोरोना की दूसरी लहर अब बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी बड़ी संख्या में अपने चपेट में ले रही है जो कि चिंताजनक है। सरकार इसके लिए हर स्तर पर कदम उठा रही है ताकि बच्चे की जिंदगी खतरे में न पड़े। वहीं इस बीच नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने राहत की खबर देते हुए कहा कि भारत बायोटेक अब 2-18 वर्ष की आयु वर्ग के लिए टीके की तैयारी में लग गई है। दरअसल भारत बायोटेक को इसके लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से चरण दो और तीन के परीक्षण की मंजूरी मिल गई है।  वीके पॉल ने कहा कि अगले 10-12 दिनों में इसके क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो जाएंगे।

 

 

 

कंपनी ने मांगी थी अनुमति 

बता दें कि इससे पहले केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 विषय विशेषज्ञ समिति ने 11 मई को भारत बायोटेक द्वारा किए गए उस आवेदन पर विचार-विमर्श किया, जिसमें उसके कोवैक्सीन टीके की दो साल से 18 साल के बच्चों में सुरक्षा और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने समेत अन्य चीजों का आकलन करने के लिए परीक्षण के दूसरे/तीसरे चरण की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था। वहीं अब ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से भी अनुमति मिल गई जिससे ट्रायल का रास्ता साफ हो गया।

 

 

 

स्पूतनिक के साथ भारत में अब तीन वैक्सीन

बता दें कि भारत में अभी तीन कोविड वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। तीनों का 18 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को पर ही क्लीनिकल ट्रायल किया गया है। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और स्पूतनिक लोगों को लगाई जा रही हैं। ऐसे में तीसरी लहर की चेतावनी से पहले बच्चों पर ट्रायल को मंजूरी देना बड़ा फैसला माना जा रहा है।

 

 

 

उपचार में लाने के लिए टास्क फोर्स करेगी 2 डीजी दवा की जांच : डॉ. वीके पॉल

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि कोरोना की दवा 2 डीजी को उपचार प्रोटोकॉल में जोड़ने के लिए नेशनल टास्क फोर्स के द्वारा इसकी जांच होगी। बता दें कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने पहले ही इसके आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमति दी है। 

 

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