वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) सक्रिय रूप से एनसीआर में निर्माण और विध्वंस (सी एंड डी) स्थलों पर धूल नियंत्रण उपायों का कड़ाई से अनुपालन कर रहा है।
सी एंड डी स्थलों का कड़ाई से निरीक्षण करने और आयोग को पाक्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समर्पित टीमों को तैनात किया जा रहा है
संबंधित एजेंसियों द्वारा सी एंड डी स्थलों के औचक निरीक्षण सहित नियमित रूप से गहन अभियान जारी
दोषी पाई गई एजेंसियों पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति (ईसी) के रूप में अब तक 3.07 करोड़ रुपये वसूले गए, 52 स्थानों पर कार्य रोक देने के आदेश जारी
इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि निर्माण और विध्वंस (सी एंड डी) स्थलों से निकलने वाली धूल वायु प्रदूषण का एक बड़ा स्थायी स्रोत है, एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) सक्रिय रूप से जीएनसीटीडी और हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश (यूपी) राज्य सरकारों के साथ सी एंड डी स्थलों पर धूल नियंत्रणउपायों के सख्त अनुपालन के लिए काम कर रहा है।
आयोग के निर्देशों के बाद,राज्यों में निर्माण और विध्वंस स्थलों का निरीक्षण करने के लिए समर्पित टीमों को तैनात किया गया था। आयोग द्वारा दिल्ली और एनसीआर राज्यों से प्राप्त और संकलित रिपोर्टों के अनुसार,संबंधित एजेंसियों द्वारा कई टीमों का गठन करके नियमित रूप से गहन अभियान चलाया जा रहा है।
इन टीमों ने अब तक 6,596 से अधिक सी एंड डी स्थलों पर औचक जांच और निरीक्षण किया है, जिनमें से 963स्थलों को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफएंडसीसी) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा निर्धारित विभिन्न सी एंड डी अपशिष्ट प्रबंधन नियमों और धूल निवारण उपायों के अनुरूप नहीं पाया गया। इसके अलावा,52 स्थानों पर काम रोकने के आदेश जारी करने के साथ ही जांच में दोषी पाई गई एजेंसियों के खिलाफ पर्यावरण मुआवजा (ईसी) प्रभार के रूप में लगभग 3.07 करोड़ रुपये भी वसूले गए हैं।
पखवाड़े(01.10.2021 से 15.10.2021) के दौरान,दिल्ली में 37,हरियाणा में 30, राजस्थान में 20 और यूपी के 8 एनसीआर जिलों में 25 सहित कुल 112 टीमें सी एंड डी स्थलों के ऑन-फील्ड औचक निरीक्षण करने के लिए गठित और तैनात की गई थीं। इस अवधि के दौरान, 1268 स्थलों का निरीक्षण किया गया। इनमें दिल्ली की 1017, हरियाणा की98, राजस्थान के एनसीआर जिलों में 89 और उत्तर प्रदेश के एनसीआर क्षेत्र में 64 सी एंड डी स्थल शामिल हैं।
दिल्ली में,निरीक्षण किए गए कुल1017 स्थलों में से 712 स्थलों को धूल नियंत्रण उपायों का अनुपालन करते हुए पाया गया जबकि 305 स्थलों पर नियमों का अनुपालन नहीं किया जा रहा था। हरियाणा में निरीक्षण किए गए सभी 98 सीएंडडी स्थलों परनियमों का अनुपालन करते हुए पाया गया। राजस्थान में निरीक्षण किए गए 89 सीएंडडी स्थलों में से 86 स्थल नियमों का अनुपालन करते हुए पाए गए। इसी प्रकार, उत्तर प्रदेश के 8 एनसीआर जिलों में, केवल 5 स्थल निर्धारित धूल नियंत्रण उपायों का अनुपालन नहीं कर रहे थे जबकि शेष 59 स्थल निर्धारित मानदंडों का पालन कर रहे थे।
सी एंड डी स्थलों से निकलने वाली धूल को कम करने के लिएआयोग द्वारा एनसीआर राज्यों और दिल्ली के अधिकारियों को सी एंड डी स्थलों पर धूल नियंत्रण मानदंडों के उल्लंघनकर्ताओं के साथ-साथ वहां सी एंड डी कचरे से संबंधित सामग्री के परिवहन के दौरान निर्धारित धूल नियंत्रण मानदंडों का उल्लंघन करते पाए गए वाहनों परभी पर्यावरण मुआवजा (ईसी) लगाने और उसे एकत्र करने सहित सख्त कार्रवाई करने के लिए वैधानिक निर्देश जारी किए गए थे। फिल्ड निरीक्षण के दौरान कुल 60 वाहन निर्धारित धूल नियंत्रण मानदंडों का उल्लंघन करते पाए गए और इस पखवाड़े के दौरान सीएंडडी स्थलों और नियमों का पालन नहीं कर रहे वाहनों से ईसी प्रभार के रूप में कुल 81,20,000 रूपये एकत्र किए गए।
सी एंड डी गतिविधियों से भारी मात्रा में धूल निकलती हैजो पीएम2.5 और पीएम10 में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं जिससे हवा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। निर्माण, रीमॉडेलिंग,मरम्मत और विध्वंस से उत्पन्न धूल की समस्या से निपटने के लिए,नियमित आधार पर विभिन्न धूल नियंत्रण उपायों के अनुपालन के लिए ऐसी गतिविधियों की कड़ाई से निगरानी और निरीक्षण करने की जरूरत है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), हरियाणा, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (पीसीबी) और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के साथ वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) विभिन्न सी एंड डी स्थलों पर धूल नियंत्रण उपायों का उचित अनुपालन सुनिश्चित करने और आयोग को पाक्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए काम करता है। इसके तहत औचक निरीक्षण करना औरनियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना शामिल है। आयोग सी एंड डी स्थलों से धूल को कम करने के लिए इस संबंध में प्रगति की लगातार निगरानी करेगा।
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