बाढ़ पीड़ितों की सहायता को निकले मछुआरे, तैयार किया विशेष मिशन

तिरुवनंतपुरम ।  केरल में बाढ़ और बारिश का तांडव जारी है। आपदाग्रस्त लोगों के बचाव में केरल के मछुआरे आगे आए हैं। इन मछुआरों ने पिछले साल ओखी का कहर झेला है। इस लिए बाढ़ पीड़ितों के कष्ट को उनसे अच्छी तरह कौन समझ सकता है। मछुआरों ने राहत और बचाव के लिए एक मिशन तैयार किया है।

मछुआरे शुक्रवार सुबह जल्द अपना सफर शुरू करने के लिए गुरुवार देर रात दो बजे अपनी नावें लेकर निकले थे। गौरतलब है कि केरल में बाढ़ से अब तक 167 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 8000 करोड़ से भी अधिक का नुकसान चुका है। तिरुवनंतपुरम, एर्नाकुलम, कोल्लम और अलप्पुझा के मछुआरे 100 से अधिक नावें लेकर राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य के लिए निकल पड़े हैं।

इस मिशन के लिए केरल स्वतंत्र मत्स्यथोझिलाली फेडरेशन ने क्षेत्रीय केंद्र बनाए हैं। इस जुड़ी हर टीम के लीडर को रेवेन्यू अथॉरिटी, पुलिस और डिजास्टर मैनेजमेंट की टीम के साथ मिलकर काम करने के निर्देश दिए गए हैं। दरअसल, इन मछुआरों के पास जो नावें हैं उनकी विशेष डिजाइन इन्हें तेज और अप्रत्याशित बहाव से निकलने में मदद करती है। इन देसी नावों में दो इंजिन होते हैं और ये लकड़ी और फाइबर से बनी होती हैं।

वेली की ऐसी ही टीम से जुड़े मछुआरे जैक मंडेला ने बताया यह किसी भी पतली गली से निकल सकती है। हमारे साथ 2-3 लोग इस पर सवार होंगे-इंजिन चालक, रास्ता दिखाने वाला और एक हेल्पर। इनके अलावा 10 लोगों को आसानी से बैठाया जा सकता है। पानी की कम के कम 50 सेंटीमीटर की भी गहराई हो तो यह नाव आसानी से चल सकती है और इसमें लकड़ी के पोल लगे हैं

जो सुरक्षित तरीके से आगे बढ़ने में मदद करते हैं। जैक की टीम पंडालम में बचाव कार्य में जुटी है। कई मामलों में लोगों को ले जाने के लिए मछुआरों को स्थानीय पुलिस का साथ है, कई जगहों पर वे अपने पैसे खर्च करके लोगों की मदद कर रहे हैं। हर बोट पर ईंधन, पीने का पानी, लाइफ जैकेट और सर्चलाइट होती हैं। नेशनल फिशवर्कर्स फोरम के जनरल सेक्रटरी टी पीटर का कहना है कि ओखी के दौरान उन लोगों को जो मदद मिली, अब उसके लिए धन्यवाद देने का यह समय है।

उन्होंने कहा कई मछुआरे जो इस मिशन में लगे हैं, उन्होंने अपना रोज का काम छोड़कर यहां अपना सब कुछ लगा दिया है। यह कोई अचानक किया गया काम नहीं है, हम इसे सामंजस्य के साथ कर रहे हैं। हम जमीन पर और क्षेत्रीय केंद्रों में टीम लीडर्स का इस्तेमाल कर रहे हैं जो रेवेन्यू अथॉरिटी के निर्देश पर टीमों को गाइड कर रहे हैं।

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