हांगकांग के नागरिकों को पनाह देने पर विचार कर रहा ऑस्ट्रेलिया

 न्यूज़ डेस्क : ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने गुरुवार को कहा कि उनका देश चीन की ओर से लगाए गए विवादास्पद कानून से चिंतित हांगकांग के नागरिकों को ‘सुरक्षित पनाहगाह’ देने की पेशकश करने पर विचार कर रहा है। हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों का आरोप है कि चीन द्वारा लागू किए गए इस विवादित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का मुख्य उद्देश्य लोकतंत्र समर्थकों पर लगाम लगाना और उनके खिलाफ कार्यवाई करना है।

 

 

यह नया कानून बीजिंग को हांगकांग में जांच, मुकदमा चलाने और दंडित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए और शक्तियां देता है।  कानून के मुताबिक विदेशी शक्तियों के साथ अलगाव, तोड़फोड़, आतंकवाद और मिलीभगत का अपराधीकरण किया जाएगा है। ऐसे अपराधों में दोषी पाए गए लोग जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत सकते हैं। हांगकांग के विधायकों ने सर्वसम्मति से इस कानून को अनुमति दी थी।

 

 

प्रस्तावों पर हो रहा विचार, ऑस्ट्रेलिया मदद को तैयार

मॉरिसन ने कहा कि वह हांगकांग में प्रदर्शनकारियों पर हुई कार्रवाई की खबर से दुखी थे। एक सवाल के जवाब में कि क्या ऑस्ट्रेलिया हांगकांग के नागरिकों को सुरक्षित पनाहगाह देगा, उन्होंने कहा, ‘हम इस पर बहुत सक्रियता से विचार कर रहे हैं और हमारे पास ऐसे प्रत्साव भी हैं जो मैंने कुछ सप्ताह पहले लाने को कहे थे।’ उन्होंने कहा कि कैबिनेट जल्द ही हांगकांग के सामने ब्रिटेन जैसी पेशकश रखने पर विचार करेगी। 

 

उन्होंने कहा, जब हम इस पर अंतिम निर्णय ले लेंगे, तब हम इसका एलान करेंगे, लेकिन अगर आप यह पूछ रहे हैं कि क्या हम हांगकांग के नागरिकों को सहायता देने के लिए तैयार हैं तो इसका जवाब हां है। उन्होंने आगे कहा कि वे हांगकांग में हो रहे घटनाक्रम से काफी चिंतित हैं और इस मामले में उनकी विचारधारा अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों के अनुरूप है। 

 

 

कानून आते ही हुई कार्रवाई, 300 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार

हांगकांग में चीन का नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून आते ही पुलिस ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। लोकतंत्र समर्थकों ने बुधवार को चीन के खिलाफ रैली निकाली। इसपर पुलिस ने 300 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। इस रैली का आयोजन हांगकांग के हस्तांतरण को 23 साल पूरे होने पर किया गया था। बता दें कि ‘द लीग ऑफ सोशल डेमोक्रेट्स संगठन ने प्रदर्शन किया था।

 

 

 

हांगकांग के नागरिकों को ब्रिटिश नागरिकता देगा ब्रिटेन

ब्रिटेन ने हांगकांग के नागरिकों को कुछ शर्तों के साथ ब्रिटिश नागरिकता देने का फैसला किया है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने खुद इसकी पुष्टि की है। बता दें कि ब्रिटेन ने एक जुलाई 1997 को चीन को हांगकांग सौंपा था। जॉनसन ने कहा कि चीन ने यह कानून लाकर सिनो-ब्रिटिश संयुक्त घोषणापत्र का उल्लंघन किया है, जिसमें साफ लिखा है कि हांगकांग में 50 साल तक स्वायत्त क्षेत्र के नियम लागू रहेंगे। 

 

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