देश भर के एटीएल स्कूलों ने जबरदस्त टिंकरिंग कार्य और नीति आयोग के सीईओ के साथ विचार-विमर्श कर बाल दिवस मनाया
स्कूलों में अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाओं के लिए नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन द्वारा देश भर के स्कूलों में आयोजित दो दिवसीय समारोहों की एक श्रृंखला में, नीति आयोग के सीईओ श्री परमेश्वरन अय्यर ने 15 नवम्बर को देश भर के एटीएल स्कूलों के छात्रों के साथ नीति आयोग परिसर में और साथ ही वर्चुअली बातचीत की। छात्रों ने सीईओ को अपनी नवाचार परियोजनाएं दिखाईं और संचालन के अपने मॉड्यूल साझा किए। छात्रों के लिए नीति आयोग परिसर में अपनी परियोजनाओं को प्रदर्शित करने के लिए एक एटीएल अनुभूति क्षेत्र भी स्थापित किया गया था।
‘देश के दस लाख (एक मिलियन) बच्चों को नियोटेरिक इनोवेटर्स के रूप में तैयार करने’ की दृष्टि से, अटल इनोवेशन मिशन देश भर के स्कूलों में अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाओं (एटीएल) की स्थापना कर रहा है। हाल ही में एआईएम ने भारत भर के स्कूलों में 10,000 से अधिक एटीएल स्थापित करने का लक्ष्य हासिल किया है। इसका उद्देश्य युवा दिमाग में जिज्ञासा, रचनात्मकता और कल्पना को बढ़ावा देना और डिजाइन वाली सोच, कम्प्यूटेशनल सोच, अनुकूलन शिक्षा, भौतिक कंप्यूटिंग आदि जैसे कौशल विकसित करना है।
छात्रों के साथ बातचीत के बाद नीति आयोग के सीईओ श्री परमेश्वरन अय्यर ने कहा, “आज इन अनूठी और अभिनव परियोजनाओं के साथ छात्रों में ऊर्जा और उत्साह देखकर मुझे खुशी हो रही है। एटीएल देश भर के छात्रों में नवाचार, सृजनात्मकता और टिंकरिंग की सच्ची संभावना निकाल रहा है। यह निश्चित रूप से युवाओं के बीच नवाचार की भावना को समृद्ध करने में मदद करेगा। एटीएल में छात्रों को मिलने वाले मार्गदर्शन और बुनियादी ढांचे तक पहुंच हमारे युवा नवोन्मेषकों की कल्पनाओं में पंख लगाएगी। कृपया इस अद्भुत कार्य को जारी रखें और नवाचार के माध्यम से समुदाय में समस्याओं को हल करने में मदद करें।”
इस आयोजन में कुछ स्कूलों – पलजोर नामग्याल गर्ल्स स्कूल, सिक्किम, गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल कोटिबाग जम्मू-कश्मीर, गवर्नमेंट मल्टीपरपज हायर सेकेंडरी स्कूल, बिलासपुर, एयर फोर्स स्कूल, हेब्बल, केन्द्रीय विद्यालय जनकपुरी और बाल भारती पब्लिक स्कूल पीतमपुरा दिल्ली ने अपनी नवाचार परियोजनाओं और एटीएल के बारे में अपने अनुभव के बारे में बताया।
एयर फ़ोर्स स्कूल, हेब्बल के छात्र विजयसुब्रमण्यम एस. ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि “हर किसी का जीवन में कोई न कोई लक्ष्य और उद्देश्य होता है और मेरा उद्देश्य तकनीक, नवाचार और व्यवसाय के संयोजन के साथ वास्तविक जीवन समाधान का अविष्कार करना है। एटीएल अनुभवी परामर्शदाताओं द्वारा कराए गए सत्रों से मुझे डिजिटल कौशल, उत्पाद डिजाइनिंग में मदद मिली है और मुझे यह जानकारी मिली है कि हम अपने प्रोटोटाइप को एक मूल्यवान उत्पाद में कैसे परिवर्तित कर सकते हैं और इसके माध्यम से कमाई कर सकते हैं। सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बिलासपुर के छात्रों और शिक्षकों ने साझा किया कि उनके स्कूल के एटीएल से 5 छात्रों ने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के लिए छात्रवृत्ति प्राप्त की है जिससे उन्हें अपने उज्ज्वल भविष्य में प्रयोग करने में मदद मिलेगी।
इससे पहले बाल दिवस के अवसर पर 14 नवम्बर को, अपनी तरह की पहली घटना में, अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोग की अटल टिंकरिंग प्रयोगशाला कार्यक्रम में भारत के 5000 से अधिक स्कूलों के लगभग 1.5 लाख छात्रों ने इस अवसर पर एक अनूठी मेगा टिंकरिंग गतिविधि में भाग लिया था। देश के कोने-कोने से कई स्कूलों ने अपने छात्रों, एटीएल प्रभारी, प्रिंसिपल, अनुभवी परामर्शदाताओं, एआईएम टीम और भागीदारों के साथ अपने-अपने एटीएल से इस कार्यक्रम में वर्चुअली भाग लिया था। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले देश भर के छात्रों ने एक दिन में सामूहिक रूप से किए गए अब तक के सबसे बड़े वैश्विक टिंकरिंग कार्यक्रम में एक साथ एक नवाचार परियोजना का निर्माण किया।
मेगा टिंकरिंग गतिविधि का उद्देश्य युवा छात्रों के बीच प्रयोग और टिंकर के प्रति दृष्टिकोण और योग्यता विकसित करना था। देश भर के एटीएल छात्र टिंकरिंग आंदोलन के राजदूत रहे हैं और उन्होंने अपनी रचनात्मक ऊर्जा का उपयोग नवाचार परियोजनाओं के बेहतर संस्करण बनाने के लिए किया है। उन्होंने इसमें 3डी प्रिंटिंग को शामिल करने के लिए इसमें सुधार भी किया है। कुछ छात्र जटिल रोबोट और ड्रोन डिजाइन कर इसे अगले स्तर पर ले गए। एटीएल स्कूलों में इन नवाचार परियोजनाओं के बुनियादी ढांचे और तकनीकी जानकारी में मदद करने में सबसे आगे रहा है।
एआईएम के मिशन निदेशक डॉ. चिंतन वैष्णव ने अपने संदेश में बचपन में पहली बार इस तरह के टिंकरिंग कार्य को याद करते हुए कहा कि “आज के युग में बच्चों के पास वे साधन और संसाधन हैं जो पहले उपलब्ध नहीं थे। इस तरह का कार्य भारत को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए’बनाने की भावना” प्रदर्शित करता है।”
सत्र में भाग लेने के लिए देश भर के शिक्षकों, छात्रों और प्रधानाचार्यों के लिए एआईएम के यूट्यूब चैनल पर इसका सीधा प्रसारण किया गया था।
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