#ArvindKejriwal : IIT खड़गपुर से लेकर भारतीय राजस्व सेवा और फिर मुख्यमंत्री बनने तक का सफर
आरटीआई कार्यकर्ता और अन्ना आंदोलन से मिली पहचान
न्यूज डेस्क : अरविंद केजरीवाल आज देश के बड़े नेताओं में से एक हैं। उनकी पार्टी महज कुछ सालों में ही राष्ट्रीय पार्टी बन चुकी है। आज ‘आप’ की दो राज्यों में सरकार है। हालांकि इसके पीछे अरविंद केजरीवाल की कड़ी मेहनत और लोगों का उन पर भरोसा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल आज 55 साल के हो चुके हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के कई बड़े नेता केजरीवाल को जन्मदिन की शुभकामनाएं दे रहे हैं। साल 2013 में अपनी पार्टी बनाकर राजनीति की शुरुआत करने वाले अरविंद केजरीवाल आज देश के बड़े नेताओं में से एक हैं। उनकी पार्टी महज कुछ सालों में ही राष्ट्रीय पार्टी बन चुकी है। आज आम आदमी पार्टी की दो राज्यों में सरकार है। हालांकि इसके पीछे अरविंद केजरीवाल की कड़ी मेहनत और लोगों का उन पर भरोसा है। तो चलिए केजरीवाल के जन्मदिन पर जानते हैं, उनके इस सफर के बारे में।
हरियाणा में हुआ जन्म-
अरविंद केजरीवाल मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं। उनका जन्म 16 अगस्त 1968 को हरियाणा के एक छोटे से गांव में हुआ था। वह बचपन से ही पढ़ाई में काफी होशियार थे। उन्हें अपने पहले ही प्रयास में आईआईटी खड़गपुर में एडमिशन मिल गया था। यहां से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद केजरीवाल टाटा स्टील कंपनी में नौकरी करने लगे। हालांकि कुछ समय बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और UPSC की तैयारी में जुट गए। साल 1992 में उन्होंने UPSC की परीक्षा पास की और वह भारतीय राजस्व सेवा में काम करने लगे। साल 1995 में अरविंद केजरीवाल ने आईआरएस बैच की सुनीता से शादी की।
नौकरी छोड़ शुरू किया आंदोलन-
अरविंद केजरीवाल ने साल 1999 में नकली राशन कार्ड घोटाले को सामने लाने के लिए ‘परिवर्तन’ नाम से एक आंदोलन की शुरुआत की। उन्होंने नौकरी से छुट्टी लेकर सामाजिक कारणों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया। आखिरकार साल 2006 में केजरीवाल ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया और पूरी तरह से सामाजिक कार्यों में जुट गए।
अन्ना आंदोलन से मिली पहचान-
साल 2010 में अरविंद केजरीवाल जन लोकपाल बिल के लिए शुरू किए गए अन्ना हजारे के आंदोलन से जुड़ गए। यह आंदोलन पूरे देश में लोकप्रिय हुआ और इसके साथ ही केजरीवाल को पूरे देश में जाना जाने लगा। 2 अक्टूबर 2012 को केजरीवाल ने अपनी राजनीतिक पार्टी ‘आम आदमी पार्टी’ बनाई।
कांग्रेस के समर्थन से बने मुख्यमंत्री-
साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में केजरीवाल की पार्टी को 70 में से 28 सीट मिली। इसके बाद वह कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बने, लेकिन 49 दिनों में ही इस्तीफा दे दिया। हालांकि इसके बाद केजरीवाल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने लगातार दो बार दिल्ली में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई।
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