नई दिल्ली: राजनीतिक गलियारों में हाल के दिनों में लोकसभा चुनाव जल्द कराने की सुगबुगाहट तेज़ हो रही थी, लेकिन अब सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इन संभावनाओं को खारिज कर दिया है.
एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में जेटली ने कहा कि हम चुनाव के लिए तैयार हैं लेकिन लोकसभा चुनाव समय से पहले कराने की कोई संभावना नहीं है. पीएम मोदी लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए आम राय बनाने की कोशिश में है, ऐसे में विपक्ष को आशंका है कि 2019 में होने वाले आम चुनाव वक्त से पहले हो सकते हैं.
वहीं जेटली ने त्रिपुरा में पार्टी का चुनाव घोषणापत्र – विजन दस्तावेज त्रिपुरा-2018 जारी करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्य में दो राजनीतिक स्थान है, गैर वाम और वाम. भाजपा ने पूरी गैर वाम जगह को भर दिया है. वह माकपा की मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रुप में उभरी है. ’’ भगवा दल ने इस पूर्वोत्तर राज्य में 18 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में वाममोर्चा से टक्कर लेने के लिए इंडिजीनियस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा के साथ गठजोड़ किया है.
केंद्रीय वित्त मंत्री ने यह भी दावा किया कि त्रिपुरा में वाम मोर्चा का वही हश्र होगा जो पश्चिम बंगाल में हुआ. उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में माकपा के आतंक से लोगों में वह घृणा का पात्र बन गयी, फलस्वरूप उसका सूपड़ा साफ हो गया. हाल में हुए उपचुनावों में भी पार्टी तीसरे या चौथे स्थान पर रही.’’ जेटली ने कहा कि त्रिपुरा पिछड़ा रहा है क्योंकि माकपा ने राज्य में निजी पूंजी का कभी स्वागत नहीं किया.
उन्होंने कहा, ‘‘त्रिपुरा में सरकार बनाने के बाद भाजपा खाद्य प्रसंस्करण, बांस, आईटी, कपड़े जैसे क्षेत्रों के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाएगी.’’
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