कानपुर । राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आईआईटी के 51वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए छात्रों से आग्रह किया कि वे इस संस्थान से अर्जित ज्ञान को सामाजिक सरोकारों के साथ जोड़ें। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) ने पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि 1963 में कम्प्यूटर साइन्स के क्षेत्र में इस संस्थान ने अग्रणी भूमिका निभाई।उन्होंने कहा कि तीन दशक पहले ही आईआईटी कानपुर ने सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश में होने वाली क्रांति का पूर्वानुमान लगा लिया था। गौरतलब है कि आज इस दीक्षांत समारोह में 186 पीएचडी तथा 307 एम टेक की डिग्री सहित कुल 1576 डिग्रियां बांटी गईं।
राष्ट्रपति ने कहा कि लोगों की जीवन गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।तकनीकी के जरिए इन कदमों को गति दी जा सकती है।उन्होने छात्रों से आग्रह किया कि करियर को बनाने की प्रक्रिया में वह राष्ट्रीय कार्यक्रमों में अपनी भागीदारी जरूर दें।
उन्होंने कहा कि कानपुर का अपना इतिहास रहा है। 20वीं शताब्दी में कानपुर देश का एक महत्वपूर्ण शहर था और कपड़ा मिलों के कारण इसे पूर्व का मैनचेस्टर कहा जाता था।राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम की सफलता के कारण भी यह शहर काफी महत्वपूर्ण हो गया है।
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